मथुरा की एक गौशाला में हर रोज 750 किलो सीएनजी बनेगी. बेशक ये चौंकाने वाली खबर है कि एक गौशाला इतनी बड़ी मात्रा में सीएनजी बनाएगी. लेकिन रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला ने इसे मुमकिन कर दिखाया है. अच्छी खबर ये है कि अगर कोई तकनीकी कमी नहीं आई तो दिवाली से गैस का उत्पादन शुरू हो जाएगा. सीएनजी उत्पादन के लिए गौशाला ने अडानी समूह की एक कंपनी के साथ करार किया है. कंपनी ही गौशाला परिसर में सीएनजी प्लांट का निर्माण करा रही है. सीएनजी के लिए गोबर गौशाला देगी.
जानकारों का कहना है कि अडानी टोटल गैस लिमिटेड गौशाला से निकलने वाले गोबर से सीएनजी बनाएगी. साथ ही गैस बनने के बाद बचे लिक्विड गोबर से खाद बनाकर बेची जाएगी. 13 एकड़ में लगने वाले इस प्लांट में रोजाना गौशाला का गोबर तो इस्तेमाल होगा ही साथ ही आसपास के किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा.
श्रीमाता गौशाला के सेवादार ब्रजेंद्र शर्मा ने किसान तक को बताया कि एक करार के तहत गौशाला समिति ने अडानी की कंपनी को जमीन दी है. साथ ही हर रोज गौशाला से निकला गोबर भी कंपनी को सीएनजी प्लांट पर दिया जाएगा. इसके बदले कंपनी जमीन का किराया और गोबर का भुगतान करेगी. इतना ही नहीं गोबर से बनी सीएनजी बेचने के बाद जो पैसा आएगा उसमे से कुछ हिस्सा कंपनी गायों की सेवा पर भी खर्च करेगी.
यह भी पढ़ें- बरसात में बीमार पशु नहीं जा सकता अस्पताल तो डॉक्टरों की टीम आएगी बाड़े में, जानें डिटेल
प्लांट को तैयार करने में करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस प्लांट को लेकर गौशाला का कंपनी के साथ 20 साल का करार हुआ है. रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला करीब 275 एकड़ एरिया में फैली हुई है. आज यहां 60 हजार से ज्यादा गाय-बैल और बछड़ों की सेवा की जा रही है. गौशाला से रोजाना 35 से 40 टन गोबर निकलता है. इसी गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी.
एक्सपर्ट की मानें तो 40 टन गोबर की क्षमता वाले किसी भी प्लांट में 750 से 800 किलो तक सीएनजी तैयार की जा सकती है. इसी तरह का एक प्लांट गुजरात में अमूल कंपनी भी चला रही है. वहीं हरियाणा की वीटा डेयरी कंपनी भी नारनौल में एक ऐसा ही प्लांट बनाने की तैयारियों में लगी हुई है. इतना ही नहीं हरियाणा और पंजाब के कई शहरों में तो प्राइवेट कंपनी नगर निगम की गौशाला से गोबर खरीदकर सीएनजी बना रही हैं. अच्छी बात यह है कि गोबर से सीएनजी बनाने के साथ ही बचे हुए लिक्विड गोबर से आर्गनिक डीएपी भी बनाई जा सकेगी.
ये भी पढ़ें- Milk Production: दूध लेकर आता है मॉनसून का महीना, पशु को हुई परेशानी तो उठाना पड़ेगा नुकसान, जानें डिटेल
बरसाना, मथुरा में श्रीमाता गौशाला के एक हिस्से में बॉयो गैस प्लांट भी लगा हुआ है. इस प्लांट में रोजाना 35 टन गोबर से बॉयो गैस बनाई जा रही है. सर्दियों में गैस बनाने का काम कम किया जाता है. जानकारों ने बताया कि यहां हर रोज बनने वाली गैस से गौशाला का 100 केवी का जनरेटर चलाया जाता है. इस जनरेटर से गौशाला को बिजली सप्लाई की जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today