सिलीगुड़ी के एक किसान ने जहाज जैसा घर बनाया है. बचपन से इस किसान का मन था कि वह अपने सपनों का महल बनाएगा. सिलीगुड़ी के फांसीदेवा के किसान मिंटू राय आज अपने इस घर की वजह से दूर-दूर तक चर्चा के केंद्र में हैं. किसान का यह घर आज जहाजबरी के नाम से मशहूर हो गया है.
अभी इस मकान का काम चल ही रहा है. 42 साल के इस किसान के घर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. मिंटू रॉय फांसीदेवा में अपने पिता के साथ खेती का काम करते हैं. खेती के साथ उनके दिमाग में हमेशा से एक सपने का घर बनाने का खयाल रहता था.
इस खयाल को लेकर वे कई इंजीनियरों के पास गए. अपने जहाज जैसे घर का डिजाइन बताया. लेकिन किसी इंजीनियर ने वैसा घर बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. बाद में 2006 में वे नेपाल चले गए और वहां घर के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन की ट्रेनिंग ली.
बाद में वे फिर फांसीदेवा लौटे और एक नोटपैड पर अपने घर का डिजाइन तैयार किया. फिर उन्होंने खुद से ही घर का कंस्ट्रक्शन शुरू किया. फिर उन्होंने एक राजमिस्त्री से संपर्क किया और घर के निर्माण में लग गए. अभी घर बनकर तैयार नहीं हुआ है. पूरा होने में कुछ साल लगेंगे.
इस मकान की लंबाई 39 फीट और चौड़ाई 13 फीट. मकान की ऊंचाई 30 फीट है. अभी तक घर का मुख्य कंस्ट्रक्शन ही तैयार हो पाया है. अभी उन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर तीन रूम बनाए हैं जिसमें अपने परिवार के साथ रहते हैं. घर के सबसे ऊपरी तल पर डेक बनाने का विचार है जैसा जहाज का डेक होता है.
घर के ऊपरी तल पर बनने वाले तल को ड्रॉइंग रूम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इस घर का आकार, खिड़कियां, दरवाजे सब कुछ जहाज की तरह लगते हैं. घर की खिड़कियों में शीशे लगाए जाएंगे. मिंटू रॉय कहते हैं कि शिप हाउस में वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं.
मिंटू रॉय कहते हैं, 10 साल में घर केवल नींव का काम हुआ है. अभी घर की रंगाई, सजावट और शीशे लगाने का काम पेंडिंग है. घर का काम धीरे-धीरे चल रहा है क्योंकि पैसे बचाते हुए और खर्च देखते हुए काम चल रहा है. पैसे बचाने के लिए मिंटू रॉय अपने बच्चों के साथ लेबर का काम भी करते हैं ताकि आर्थिक संकट से बचा जा सके.
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