Soybean Price: क‍िसानों को बड़ा झटका, स‍िर्फ 2900 रुपये क्व‍िंटल रह गया सोयाबीन का दाम, क‍ितना है एमएसपी?

Soybean Price: क‍िसानों को बड़ा झटका, स‍िर्फ 2900 रुपये क्व‍िंटल रह गया सोयाबीन का दाम, क‍ितना है एमएसपी?

इस साल देशभर में सोयाबीन का बंपर उत्‍पादन तो हुआ है, लेकिन गिरते दामों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. दरअसल सरकार ने साेयाबीन पर 4892 रुपये प्रति‍ क्विंटल एमएसपी घोषित किया है, लेकिन मंडियों में इसका भाव गिरते हुए 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जानिए विभ‍िन्‍न मंडियों में किसानों को सोयाबीन का क्‍या भाव मिल रहा है.

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Soybean Price: क‍िसानों को बड़ा झटका, स‍िर्फ 2900 रुपये क्व‍िंटल रह गया सोयाबीन का दाम, क‍ितना है एमएसपी?सोयाबीन का मंडी भाव. (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

इस साल देशभर में सोयाबीन का बंपर उत्‍पादन हुआ है. लेकिन, सोयाबीन किसानों को बड़ा झटका लगा है, क्‍योंकि उन्‍हें उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन का प्रत‍ि क्विंटल भाव 2900 रुपये तक पहुंच गया है. सरकार के दावों और कोशि‍शों का कीमतों पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है. सोयाबीन किसान लागत भी नहीं निकल पाने से परेशान हैं. केंद्र सरकार की ओर से सोयाबीन के लिए 4892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है, लेकिन मंडी में इसके दाम 2000 रुपये तक एमएसपी से नीचे मिल रहे हैं. जानिए महाराष्‍ट्र की मंडी में सोयाबीन की कीमतें क्‍या हैं.

विभि‍न्‍न मंडियों में सोयाबीन की कीमतें...

मंडी आवक (क्विंटल में) न्‍यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) अध‍िकतम कीमत (रु./क्विंटल) मॉडल कीमत (रु./क्विंटल)
जलगांव (5 दिसंबर)  52  3900  4200  4200
तासगांव (5 दिसंबर)  91         4892  4892 4892
येवला 28            3200  4060 3999
लसलगांव 160           3000  4160 4060
लसलगांव-विंचुर 1046          3000 4273 4200
शहादा 16            2900 3900 2900

नोट: येवला, लसलगांव, लसलगांव-विंचुर और शहादा मंडी के भाव 4 दिसंबर 2024 के हैं.

कम कीमत मिलने के कारण मंडियों में सोयाबीन की आवक कम हो रही है. वहीं, उपज में नमी के कारण भी किसानों को सही दाम मिलने में परेशानी आ रही है. हालांकि, सरकार ने 15 प्रत‍िशत तक नमी वाली सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दे दी है, लेकिन कीमत इतनी कम है कि किसानों को इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. चुनाव से पहले महायुति ने एमएसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने का ऐलान किया था.

महायुति के वादे पर किसानों की निगाहें

वहीं, जीत के बाद फिर से महायुति सत्‍ता में बैठने जा रही है. ऐसे में किसानों को अब सरकार से ही आसरा है कि वे उपज का सही दाम दिलाए. इस साल मध्‍य प्रदेश में सबसे ज्‍यादा सोयाबीन की पैदावार हुई है. इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्‍ट्र और तीसरे नंबर पर राजस्‍थान है. मध्‍य प्रदेश में भी किसानों ने सोयाबीन की कीमतों को लेकर आंदोलन चलाया था. किसान संगठनों ने राज्‍य सरकार से 1100 रुपये बोनस की मांग की थी, ताकि सोयाबीन किसानों को 6000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल सके.

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