पिछले कुछ दिनों से देश की कई मंडियों में प्याज के भाव में गिरावट होने लगी है. इसको देखते हुए किसान काफी चिंतित हैं. किसानों की इस चिंता को लेकर महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर इसके समाधान पर विचार करने का आग्रह किया है. बता दें कि लासलगांव कृषि मंडी भारत सहित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. यहां बीते दिनों नए खरीफ प्याज के आवक से प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. इस गिरावट की वजह से किसानों को उनके उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है.
इस वर्ष नासिक जिले सहित राज्य में प्याज की खेती में काफी वृद्धि हुई है. साथ ही, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में प्याज की आवक में लगभग 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के कारण प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान से दुबई और खाड़ी देशों में भारत की तुलना में कम कीमत पर प्याज का निर्यात किया जा रहा है. जिससे इन देशों में भारतीय प्याज की मांग में भारी कमी आई है. यह स्थिति यहां के किसानों के लिए गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न कर रही है.
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बीते गुरुवार, 12 दिसंबर 2024 को, कृषि उपज मंडी समिति, लासलगांव के मुख्य बाजार परिसर में नए लाल (खरीफ) प्याज का औसत मूल्य 3600 रुपये प्रति क्विंटल था. मात्र दो दिनों के भीतर, शनिवार को औसत कीमत घटकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसका अर्थ है कि केवल दो दिनों में लगभग 1000 रुपये प्रति क्विंटल की बड़ी गिरावट हुई है. भविष्य में प्याज की अधिक मात्रा में आवक होने की संभावना को देखते हुए, औसत मूल्य में और गिरावट की आशंका है. यदि यह स्थिति बनी रही, तो यहां के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
इस विकट स्थिति में यहां के किसानों का नुकसान रोकने के लिए, प्याज के निर्यात पर लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क को तुरंत कम करना या इसे पूरी तरह से समाप्त करना जरूरी है. इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय प्याज की मांग बढ़ेगी, और घरेलू बाजार के कीमतों में स्थिरता आ सकेगी. लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष ने पत्र में वित्त मंत्री से निवेदन कि है की इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेकर यहां के किसानों को राहत प्रदान करें.
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