बढ़ती गर्मी का असर हरी सब्जियों के उत्पादन पर भी दिखने लगा है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हरी सब्जियों की सप्लाई प्रभावित होने से कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कहा जा रहा है कि कम आपूर्ति के कारण कोयम्बेडु थोक बाजार में सब्जियां महंगी हो गई हैं. गाजर से लेकर बींस तक महंगे हो गए हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. जानकारों का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण अगले दो महीने तक कीमतें ऊंची बनी रहेंगी.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में अभी बींस की कीमत 140 रुपये प्रति किलोग्राम है. वहीं, अदरक 150 रुपये किलो बेचा जा रहा है. सब्जी के थोक विक्रेताओं के मुताबिक, हरी सब्जियों के उत्पादन में गिरावट आने की वजह से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. आम तौर पर, कोयम्बेडु बाज़ार में रोज सब्जियों की लगभग 450 लॉरियां आती हैं, जिनमें से प्रत्येक की औसत क्षमता 10 टन प्रति वाहन है. अब यह घटकर 350 लॉरी रह गई है, जिससे सब्जियों की कमी हो गई है.
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लाइसेंस प्राप्त व्यापारी संघ के अध्यक्ष चंद्रन ने कहा कि सब्जियों की आवक प्रभावित होने से उसकी कीमत 50 से 100 फीसदी तक बढ़ जाती है. गाजर का थोक मूल्य बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो है. इसी तरह चुकंदर 35 रुपये किलो, हरी मटर 60 रुपये किलो, आलू 30 रुपये किलो और फूलगोभी 40 रुपये किलो बेचे जा रहे हैं. इसके अलावा करेले की कीमत 50 रुपये किलो, रतालू की कीमत 60 रुपये किलो और खीरे की कीमत 25 रुपये किलो है.
वहीं, क्लस्टर बींस 15 रुपये, चाउ चाउ 20 रुपये, सफेद कद्दू 20 रुपये, बैंगन 25-30 रुपये और सहजन 60 रुपये किलो बिक रहा है. खास बात यह है कि कई सब्जियों की कीमतें 10 रुपये से बढ़कर 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं. एक राहत के रूप में, प्याज और टमाटर की कीमतें पहले की तरह ही हैं. इसमें किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. प्याज 20 रुपये किलो तो टमाटर 25 रुपये पर बिक रहे हैं. हालांकि ये थोक कीमतें हैं, खुदरा बाजारों में दरें और भी अधिक होंगी.
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