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Space laboratory: उन्नाव के इस गांव में लगी स्पेस लेबोरेटरी, अंतरिक्ष के रहस्यों को जान सकेंगे बच्चे

Space laboratory: उन्नाव के इस गांव में लगी स्पेस लेबोरेटरी, अंतरिक्ष के रहस्यों को जान सकेंगे बच्चे

उन्नाव जिले में एक स्पेस लैब दुआ गांव में स्थापित किया गया है. अब उन्नाव जिले के बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य को जानने के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि गांव के ही स्पेस लैब से पूरी जानकारी मिलेगी.

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उत्तर प्रदेश में अब इसरो के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्पेस लैब स्थापित किया जा रहे हैं. प्रदेश के उन्नाव जिले में ऐसा ही एक स्पेस लैब दुआ गांव में स्थापित किया गया है. अब उन्नाव जिले के बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य को जानने के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि गांव के ही स्पेस लैब से पूरी जानकारी मिलेगी. इसरो से संबंधित संस्था व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड की मदद से गांव में 8 लाख की लागत से शहीद चंद्रशेखर आजाद अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में हुई है. स्पेस प्रयोगशाला में अंतरिक्ष संबंधी सभी विज्ञान की वस्तुओं के बारे में जानकारी छात्रों को मिल रही है. इस प्रयोगशाला में चंद्रयान के मॉडल, रोबोट, टेलीस्कोप, एयरक्राफ्ट, 3D प्रिंटर की व्यवस्था उपलब्ध है. 

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गांव में लगा इसरो का स्पेस लैब

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के बिछिया ब्लॉक के दुआ गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में इसरो के द्वारा एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्थापित हुई है. इस प्रयोगशाला में छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य की जानकारी मिल सकेगी. अभी तक ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अंतरिक्ष के रहस्यों की जानकारी पाने से पूरी तरीके से अनजान थे, लेकिन इसरो के सहयोग से स्थापित इस प्रयोगशाला से अब छात्र चंद्रयान के मॉडल, रोबोट, टेलीस्कोप, एयरक्राफ्ट, 3D प्रिंटर के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. यहां पर टेलीस्कोप से बच्चे अंतरिक्ष की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी हासिल कर रहे हैं. अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य जानने के साथ ही वैज्ञानिक बनने के सपने को भी पूरा कर सकेंगे. 

गांव के बच्चे अब चला रहे हैं रोबोट

अंतरिक्ष प्रयोगशाला में चंद्रयान मंगलयान के मॉडल के साथ-साथ यहां पर चलायमान रोबोट और 3D प्रिंटर भी मौजूद है. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अंतरिक्ष की गतिविधियों को अब भली-भांति सीख रहे हैं. यही नहीं बल्कि रोबोट को भी चला रहे हैं. गांव के प्रधान अजय सिंह के मुताबिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला में प्रशिक्षण देने के लिए दो शिक्षक और 20 बच्चों का चयन किया गया है. पहले चरण में इनका प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद अन्य बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा. अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनने से न सिर्फ यहां के बच्चों के अंदर विज्ञान की समझ विकसित होगी बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर उनका मस्तिष्क भी तेजी से विकसित हो सकेगा. 

इसरो के सेवानिवृत्ति वैज्ञानिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला में ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. यहां तक कि समय-समय पर यहां का दौरा करके बच्चों को ऑफलाइन भी पढ़ाने का काम कर रहे हैं.