तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने सूखे के कारण पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी सराकर ने पहले से ही 22 जिलों में पीने के पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से 150 करोड़ रुपये की राशि जारी कर रखी है. खास बात यह है कि पानी आपूर्ति में तेजी लाने के लिए उन्होंने संबंधित विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम स्टालिन ने राजस्व प्रशासन के आयुक्त को पेयजल संबंधी काम को पूरा करने और टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति करने के लिए जिलों की जरूरतों के अनुसार तेजी से धन वितरित करने का निर्देश दिया. स्टालिन ने तमिलनाडु जल आपूर्ति, ड्रेनेज बोर्ड के अधिकारियों और नगरपालिका प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारियों को विभिन्न संयुक्त पेयजल योजनाओं की नियमित निगरानी करने और उनके निर्बाध कामकाज को बनाए रखने का निर्देश दिया है.
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उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि जहां भी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में पीने के पानी की कमी है, वहां के लोगों से सीधे मिलें और समस्याओं का तुरंत समाधान करें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि छोटी पेयजल योजनाओं पर निर्भर कई गांवों में बोरवेल सूख गए हैं. ऐसे में वैकल्पिक स्रोतों या पानी के टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए. चेन्नई में सचिवालय में आयोजित बैठक में बोलते हुए स्टालिन ने कहा कि गर्मी के मौसम में अक्सर पानी की किल्लत हो जाती है.
सीएम स्टालिन ने कहा कि पिछले पूर्वोत्तर मानसून के दौरान तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद, बाकी क्षेत्रों, विशेष रूप से पश्चिमी जिलों, जो जलग्रहण क्षेत्रों के रूप में कार्य करते हैं, में अपर्याप्त वर्षा हुई. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आगामी दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान पहले कुछ महीनों में बारिश औसत से कम होगी. स्टालिन ने कहा कि इसलिए, राज्य एक कठिन स्थिति से गुजर रहा है, क्योंकि उसे बांधों में उपलब्ध पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करनी है.
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