हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन किसानों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस संबंध में किसानों ने सोमवार को जींद जिले के खटकर गांव में एक महापंचायत का आयोजन किया. प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक एक घंटे के लिए दिल्ली-पटियाला हाईवे पर बैठे और राज्य सरकार को 27 अप्रैल तक प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का अल्टीमेटम दिया.
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार 27 अप्रैल तक प्रदर्शनकारियों को रिहा नहीं करती है, तो वे बड़े फैसले ले सकते हैं. दरअसल, खनौरी सीमा पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में मारे गए 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए 19 मार्च को खटकर टोल प्लाजा पर आयोजित एक कार्यक्रम से पहले जींद पुलिस ने खटकर गांव के मूल निवासी अनीश खटकर को गिरफ्तार कर लिया था. हरियाणा-पंजाब सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में 13 फरवरी को दर्ज मामले में गुरकीरत और नवदीप जलबेरा को कथित तौर पर 29 मार्च को शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मोहाली के पास से पकड़ा गया था.
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हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार लोगों और उनके कई साथी किसानों पर हत्या के प्रयास और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. इस कार्यक्रम में मौजूद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक सड़क जाम विरोध प्रदर्शन था और हरियाणा पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारियों के संबंध में 27 अप्रैल को बड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसान नेताओं का कहना है कि हम जमानत के लिए आवेदन नहीं करेंगे, क्योंकि किसानों ने कोई अपराध नहीं किया है. वे सिर्फ अपने साथी किसानों की आवाज उठा रहे हैं, लेकिन राज्य पुलिस बल प्रयोग करके शांतिपूर्ण विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है. अगर तय समय के भीतर मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम रेलवे ट्रैक और सड़कों की अनिश्चितकालीन नाकेबंदी जैसी कोई भी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं.
वहीं, अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का रेल रोको आंदोलन आज सातवें दिन भी जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान 17 अप्रैल से शंभू में रेलवे पटरियों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के इस आंदोलन का खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि इनके आंदोलन के कारण रेल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. रेल रोको आंदोलन के कारण छठे दिन 60 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया और 41 ट्रेनों को रद्द किया गया है. इसके अलावा दो ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है और तीन को शॉर्ट ओरिजिनेट किया गया है.
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