
किसानों ने आंदोलन भले ही स्थगित कर दिया गया हो, लेकिन वे अभी भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. हरियाणा के सोनीपत जिले में किसानों ने सरकार को खुली चुनौती दे दी है. किसानों ने ऐलान किया है कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए वे 6 दिसंबर को एक बार फिर से लघु सचिवालय में एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसको लेकर आज छोटू राम धर्मशाला में एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें आंदोन की तैयारियों से जुड़े कई निर्णय लिए गए.
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक ने कई माह पहले ही दिल्ली में बैठक कर यह फैसला लिया था कि किसान 26 फरवरी को दिल्ली में एक बार फिर से डेरा डालेंगे. किसान आंदोलन के दौरान मानी गई अधूरी मांगों को दोबारा से पूरा करवाने के लिए किसान दिल्ली की तरफ रवाना होंगे.
केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ देश भर के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया था. ऐसे में सरकार को आंदोलन के दबाव में आकर तीनों कृषि कानून को वापस लेना पड़ा. लेकिन सरकार के सामने किसानों ने कुछ मांगें और भी रखी थीं, जिस पर सरकार ने अपनी सहमति जता दी थी और उन्हें पूरा करवाने के लिए समय भी मांगा था. हालांकि, सरकार ने किसानों की कई मांगों पर कमेटी भी बना रखी है, लेकिन उनको अभी तक पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में किसान सरकार के रवैये से नाराज है.
वहीं, सरकार ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक ऑर्बिट रेलवे कॉरिडोर का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसके लिए भूमि अधिकरण भी कर लिया गया है. अब किसान इस भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग सरकार से कर रहे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ने मुआजवा तो बढ़ा दिया, लेकिन मुआवजा राशि अभी तक किसानों को नहीं दी गई है. इसके अलावा सोनीपत के कई गांवों में से हाई वोल्टेज बिजली की तार निकाली जा रही है. इसके ऊपर पर भी किसान सरकार के सामने मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं.
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इसके अलावा जिले में शुगर मिलें अभी तक शुरू नहीं हुई हैं, जिसको लेकर सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन से भी किसान खफा नजर आ रहे हैं. इसके लेकर आज सोनीपत की छोटू राम धर्मशाला में एक बैठक की गई, जिसमें किसानों ने रणनीति बनाई की 26 फरवरी को तो संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक दल के आह्वान पर दिल्ली में एक बड़ा पड़ाव सरकार के खिलाफ डाला जाएगा. साथ ही सोनीपत के किसानों की मांगों को लेकर 6 दिसंबर को लघु सचिवालय में हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लेकर किसान पहुंचेंगे और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
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