उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में आज किसानों की महापंचायत का आयोजन हुआ. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले आयोजित महापंचायत में शामिल होने के लिए प्रदेश के कोने-कोने से किसान पहुंचे. प्रदेश भर से किसान की प्रमुख समस्याओं के लिए इकट्ठा हुआ. किसानों ने सरकार को गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. भारतीय किसान यूनियन के द्वारा महापंचायत के माध्यम से 11 सूत्री मांगों को सरकार के सामने रखा है. किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने किसानों का पक्ष रखते हुए सरकार से मांग की वे तत्काल गन्ना किसानों का बकाया भुगतान और गन्ने के मूल्य को बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगों को तत्काल सरकार पूरा करें. अगर किसानों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी करेंगे.
लखनऊ के इको गार्डन स्थित किसान महापंचायत में 11 सूत्री मांगों को लेकर किसानों ने सरकार को घेरने का काम किया है. महापंचायत में किसानों के निजी नलकूप की बिजली पर 100% सब्सिडी दिये जानें की घोषणा को आज तक पूरा नहीं किया गया जिससे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सरकार इन घोषणा को जल्द पूरा करें. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गन्ना के मूल्य में पिछले दो वर्ष से कोई वृद्धि नहीं हुई है. वहीं पर पेराई सत्र 2023-24 में गन्ने के मूल्य को 450 रुपए प्रति कुंतल किए घोषित किए जाने की मांग की गई. किसानों के बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भी महापंचायत में किसानों ने प्रदर्शन किया है. वहीं किसानों की बकाया भुगतान पर सरकार से ब्याज की मांग भी की गई है. फतेहपुर जनपद में नई चीनी मिल लगाए जाने की मांग की गई है. इसके अलावा अन्ना पशुओं की समस्या से भी निजात दिलाने के लिए मेरी पंचायत,मेरी गौशाला अभियान चलाया जाए. इसके साथ ही सब्जी किसानों को सुरक्षित करने के लिए भाव स्थिरता कोष बनाया जाए. आलू ,टमाटर ,गोभी जैसी सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए. धान की खरीद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से क्रय केंद्रो का संचालन शुरू हो.
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भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने किसान तक से बात करते हुए कहा कि वह किसान की समस्याओं को लेकर सरकार को अवगत ही नहीं कराएंगे बल्कि सरकार के साथ बैठकर के इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास भी करेंगे. राकेश टिकैत विपक्ष का एक चेहरा है. उनकी महापंचायत में किसानों की समस्याओं का ज्ञापन अधिकारियों को दिया गया. अधिकारियों को ज्ञापन देने से समस्याएं पूरी नहीं होती है. बल्कि सरकार को घेरते हुए उनके साथ बैठकर बात करनी पड़ती है. वे विपक्ष का चेहरा बन चुके हैं और विपक्ष के हाथों में खेल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक ) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई . किसानों से जुड़ी हुई 11 सूत्री मांगों को किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री को सौपा. वही इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों से जुड़ी हुई समस्याओं को लेकर सकारात्मक रूप भी दिखाया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान के साथ 11 पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की.
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