हाल ही में भारत सरकार ने जीएसटी में बड़ी कटौती का ऐलान किया है. इसमें डेयरी सेक्टर को सबसे बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब दूध और पनीर पर कोई GST नहीं लगेगा. इससे ना सिर्फ आम आदमी को लाभ बल्कि डेयरी सेक्टर में डिमांड भी बढ़ेगी. इसके साथ ही मक्खन और घी पर भी जीएसटी कम कर दिया गया है. इतना ही नहीं दूध के डिब्बों पर भी जीएसटी घटाया गया है. जाहिर है इससे किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को सीधा फायदा मिलेगा. ऐसे में सवाल बनता है कि जब दूध और पनीर से जीएसटी हटा दिया गया है, तो क्या आपके घर आने वाला पैकेट का दूध सस्ता हो जाएगा? इसका जवाब है नहीं. अब इसके पीछे क्या कारण ये भी हम आपको बता रहे हैं.
दरअसल, समझने वाली बात ये है कि पैकेट में मिलने वाला दूध दो तरह का होता है. एक होता है पाश्चुरीकृत दूध और दूसरा होता है अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध. अब केंद्र सरकार ने जिस दूध पर जीएसटी शून्य किया है, वह अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध है. इस UHT दूध पर पहले 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था. बता दें कि भारतीय बाजार में जो दूध का पैकेट मिलता है, वह UHT दूध नहीं होता. इसलिए केंद्र सरकार ने जिस दूध पर जीएसटी जीरो किया है, उससे आपके घर आने वाले दूध के पैकेट के दाम नहीं बदलेंगे.
सरकार ने जिस अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध पर जीएसटी हटाया है, वह रेगुलर दूध नहीं है. ये यूएचटी दूध असल में टेट्रा पैक वाला दूध होता है. इसे अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध इसलिए बोला जाता है क्योंकि इसे टेट्रा पैक रखने से पहले 135 से 150°C पर कुछ सेकंड के लिए गर्म किया जाता है. ऐसा करने से ये दूध लगभग स्टरलाइज हो जाता है. इसके बाद जब अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध को टेट्रा पैक में पैक करते हैं तो यह दूध 6 से 9 महीने तक बिना फ्रिज के सुरक्षित रह सकता है. यानि बाजार में बेचने के लिए इसकी शेल्फ-लाइफ कई गुना बढ़ जाती है. जब उपभोक्ता यूएचटी दूध खरीदते हैं तो इसे उबालने की जरूरत नहीं पड़ती और इसे सीधे इस्तेमाल कर सकते हैं.
अमूल, मदर डेयरी या अन्य डेयरियों से मिलने वाले दूध के पैकेट या दूध की थैली में यूएचटी नहीं, पाश्चुरीकृत दूध (Pasteurized Milk) आता है. इस पाश्चुरीकृत दूध की ही सबसे ज्यादा खपत होती है. पैकेट में पैक करने से पहले इसे लगभग 72°C पर 15 सेकंड तक गर्म करके फिर ठंडा किया जाता है. ऐसा करने से इस दूध के हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं. इसके बाद इसकी भी शेल्फ-लाइफ करीब 2–3 दिन होती है, मगर फिर भी इसे फ्रिज में रखना अनिवार्य माना जाता है और इस्तेमाल के लिए उबालना भी जरूरी है. नई जीएसटी दरों के बाद थैली में आने वाले दूध के पैकेट के दाम में कोई बदलाव नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पाश्चुरीकृत दूध पर पहले से ही कोई जीएसटी नहीं लगता था.
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