हाईटेक टेक्नोलॉजी और ऐप की मदद से रखी जाएगी जंगली जानवरों पर नजर

हाईटेक टेक्नोलॉजी और ऐप की मदद से रखी जाएगी जंगली जानवरों पर नजर

मॉनसून के महीने में बारिश की वजह से ना सिर्फ इंसानों का खतरा बढ़ जाता है बल्कि इससे जानवरों को भी खतरा है. जंगलों में आए अंधी, तूफान की वजह से पेड़ और बिजली गिरने का खतरा लगातार बना रहता है. ऐसे में जानवरों की सुरक्षा के लिए अब नए इंतेजाम कीए जा रहे हैं.

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हाईटेक टेक्नोलॉजी और ऐप की मदद से रखी जाएगी जंगली जानवरों पर नजरहाई टेक्नोलॉजी की मदद से होगी अब जानवरों की सुरक्षा

इस बार मॉनसून का कहर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ऐसे में सरकार और प्रशासन लगातार इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है. वहीं जंगलों की बात करें तो तेज आँधी और तूफान की वजह से जंगली जानवरों को भी काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में बिहार के एकमात्र वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में भी सफारी बंद हो गयी है. दरअसल, भारी बारिश और तेज हवा, जंगल में पेड़ों के गिरने, सड़कों के टूटने और जंगली जानवरों के मिलने के मौसम के कारण मानसून आते ही जंगल सफारी बंद कर दी जाती है.

ऐसे में जानवरों की सुरक्षा के लिए इस बार हाईटेक टेक्नोलॉजी और ऐप की मदद ली जा रही है. क्या है पूरी खबर आइए जानते हैं.

जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए हो रहा तकनीक का इस्तेमाल

दरअसल, बाघों समेत अन्य जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए इस बार वीटीआर प्रशासन उच्च तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इस हाईटेक तकनीक में MSTR IPS नाम का मोबाइल ऐप और स्मार्ट स्टिक शामिल किया गया है. इस हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए वीटीआर प्रशासन ने उड़नदस्ता व पेट्रोलिंग टीम का गठन किया है. जिसमें गठित टीम को मोबाइल एप के उपयोग का प्रशिक्षण देकर वीटीआर के सभी वन क्षेत्रों में 200 स्मार्ट स्टेक तैयार किये गये हैं. इस संबंध में वीटीआर वन प्रमंडल-1 के डीएफओ ने बताया कि मानसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में जंगलों और जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ तस्करों और वन अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी वीटीआर प्रशासन ने पूरी कर ली है. 

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जानवरों पर विशेष नजर रखेगी पेट्रोलिंग टीम

डीएफओ के मुताबिक मानसून के दिनों में बारिश के कारण जंगल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में जंगली जानवर सुरक्षित स्थानों की तलाश में जंगल से सटे गांवों की ओर भटकते हैं. इससे जानवरों के साथ-साथ इंसानों को भी खतरा है. ऐसे में पेट्रोलिंग टीम के अलावा एक और टीम का भी गठन किया गया है, जो जंगल से आवारा जानवरों पर विशेष नजर रखेगी. पेट्रोलिंग टीम द्वारा मोबाइल में एमएसटीआर आईपीएस एप का उपयोग किया जा रहा है. यह ऐप पेट्रोलिंग टीम की हर गतिविधि और पेट्रोलिंग की जानकारी देता रहेगा. इससे अधिकारी को पता चल सकेगा कि पेट्रोलिंग टीम काम कर रहा है या नहीं.

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