scorecardresearch
गेहूं की फसल पर हो सकता है चूहों का अटैक, इस आसान विधि से करें बचाव

गेहूं की फसल पर हो सकता है चूहों का अटैक, इस आसान विधि से करें बचाव

कई बार प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, जंगली जानवरों या उर्वरक की कमी के कारण गेहूं के उत्पादन में कमी आ जाती है. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार गेहूं की फसल को चूहे भी बहुत बर्बाद करते हैं.

advertisement
गेहूं की फसल को चूहों से बचाने का तरीका गेहूं की फसल को चूहों से बचाने का तरीका

खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसान रबी फसलों की बुआई में लग जाते हैं. गेहूं एक अत्यंत पौष्टिक और देश में बड़े पैमाने पर उत्पादित होने वाली प्रमुख रबी फसल है. भारत में पिछले 40 वर्षों से गेहूं उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है. विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में उगने की क्षमता के कारण गेहूं दुनिया के कई हिस्सों में एक महत्वपूर्ण फसल बन गया है. लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए 2025 तक गेहूं का उत्पादन 117 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 रबी सीजन में गेहूं जैसी फसलों की बुआई के लिए बीजों की उपलब्धता 159.03 लाख क्विंटल होने का अनुमान है.

लेकिन कई बार प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, जंगली जानवरों या उर्वरक की कमी के कारण गेहूं के उत्पादन में कमी आ जाती है. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार गेहूं की फसल को चूहे भी बहुत बर्बाद करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किसान अपने खेतों से चूहों को कैसे दूर रख सकते हैं.

गेहूं की फसल को चूहे से बचाने का तरीका

जब गेहूं की फसलें अंकुरित होती हैं और पकती हैं तो खेतों में चूहे विशेष रूप से सक्रिय होते हैं. इस समय इनकी रोकथाम के लिए एक भाग जिंक फास्फाइड को 47 भाग आटा और दो भाग तिल या मूंगफली के तेल में मिलाकर जहरीला चुग्गा तैयार कर लें. चूहों के रहने वाले बिलों का पता लगाने के लिए एक दिन पहले सभी बिलों को बंद कर दें. पहले दो-तीन दिनों तक चूहों को शाम के समय जहर रहित खाना खिलाकर बिना झिझक खाना खाने की आदत दिलानी चाहिए. सभी बिलों के पास लगभग 6 ग्राम चुग्गा रखें, या यदि आवश्यक हो तो अधिक भी रख सकते हैं. अंतिम दिन चुग्गा में जहर मिलाकर रख दें और अगले दिन मरे हुए चूहों को उठाकर जमीन में गाड़ दें.

ये भी पढ़ें: गेहूं बिक्री के लिए इस तारीख तक करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन, 10 पॉइंट में समझें पूरी बात

गेहूं की बंपर पैदावार के सही मिट्टी

दरअसल, गेहूं हर प्रकार की मिट्टी में पैदा किया जा सकता है, लेकिन इसकी अच्छी पैदावार के लिए दोमट और बलुई दोमट मिट्टी अधिक उपयुक्त होती है. बुआई के समय भूमि में पर्याप्त नमी का होना जरूरी है. जल निकासी और सिंचाई के उचित प्रबंधन से चिकनी और रेतीली मिट्टी में भी गेहूं की खेती की जा सकती है. गेहूं की खेती के लिए मिट्टी का PH मान 6.5 से 7.5 अच्छा माना जाता है. इसकी खेती के लिए सही तापमान भी जरूरी है. गेहूं के बीज के अंकुरण के समय तापमान 20-25 डिग्री सेंटीग्रेड तथा हल्की धूप के साथ आर्द्र-ठंडी जलवायु होनी चाहिए. 

गेहूं की उन्नत किस्में

गेहूं की खेती में किस्मों का चयन एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो यह निर्धारित करता है कि उपज कितनी होगी. हाल के वर्षों में, क्षेत्र में गेहूं की उन्नत किस्में HD 3086 और HD 2967 बड़े पैमाने पर उगाई जा रही हैं, लेकिन इन किस्मों का स्थान अधिक उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी गेहूं की किस्मों जैसे DBW 187, DBW 222 और HD 3226 है.