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टैलेंट की कमी बन रही बेरोजगारी की वजह, योग्य युवाओं को ढूंढने में मशक्कत कर रही कंपनियां, Indeed की स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे

टैलेंट की कमी बन रही बेरोजगारी की वजह, योग्य युवाओं को ढूंढने में मशक्कत कर रही कंपनियां, Indeed की स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे

भारत में रोजगार की समस्या की एक वजह जरुरी टैलेंट का उपलब्ध नहीं होना भी है. इंडीड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय कंपनियों को भी स्किल्ड वर्कर्स तलाशने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. 2023 में कंपनियों ने सेल्स, एकाउंटिंग और नर्स के प्रोफाइल्स की सबसे ज्यादा खोजबीन की थी.

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भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ की स्पीड बढ़ने से टेलीकॉलर्स की डिमांड में भी इजाफा हो रहा है. भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ की स्पीड बढ़ने से टेलीकॉलर्स की डिमांड में भी इजाफा हो रहा है.

भारत में बेरोजगारी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है. हाल के लोकसभा चुनावों में भी बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा छाया रहा था. भारत में रोजगार की समस्या इसलिए भी मुश्किल बढ़ाने वाली है, क्योंकि ये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकॉनमी है. इसके बावजूद हाल के महीनों में बेरोजगारी दर 8 परसेंट तक पहुंच गई थी. लेकिन, ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एकतरफा है और लोगों को ही रोजगार की तलाश में भटकना पड़ता है. दिलचस्प बात है कि कंपनियों को भी टैलेंट को तलाशने में काफी मशक्कत का सामना करना होता है. अब एक रिसर्च में उन सेक्टर्स की जानकारी निकलकर सामने आई है जहां पर एम्प्लोयर्स को टैलेंट की सबसे ज्यादा तलाश रहती है. 

इंडीड के मुताबिक 2023 में एम्प्लोयर्स ने जिन बायोडेटा की सबसे ज्यादा तलाश की उनमें 10 फीसदी के साथ सेल्स प्रोफाइल सबसे आगे रही. वहीं, 2 परसेंट के साथ एकाउंटिंग दूसरे नंबर पर और 1 फीसदी के साथ नर्स प्रोफाइल तीसरी पोजीशन पर है. 0.94 परसेंट के साथ टेलीकॉलर चौथे नंबर पर और 0.9 फीसदी के साथ मैकेनिक प्रोफाइल पांचवें स्थान पर रही. 

सेल्स और एकाउंटिंग के युवाओं की तलाश ज्यादा

सेल्स और एकाउंटिंग की सबसे ज्यादा डिमांड की वजह ये रही है कि आमतौर पर इन दोनों ही प्रोफाइल्स तकरीबन सभी सेक्टर्स में जरुरत होती है. वहीं, नर्स की डिमांड बढ़ने की वजह ये भी है कि इस सेक्टर के लोग नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में भी मौके तलाशते हैं. इसके साथ ही भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ की स्पीड बढ़ने से टेलीकॉलर्स की डिमांड में भी इजाफा हो रहा है. भारत जैसे देश में तो ग्राहकों तक सीधी पहुंच बनाने के लिए टेलीकॉलर्स को सस्ता और आसान जरिया माना जाता है. इससे कारोबारियों को फायदा मिलता है और इस सेगमेंट में नौकरियों के भी मौके बढ़ते हैं.

मैकेनिक्स और स्किल्ड टेक्नीशियंस की डिमांड

भारत में मैकनिक्स की डिमांड बढ़ने की वजह इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर का विस्तार है और स्थानीय स्तर पर प्रॉडक्शन बढ़ाने की मुहिम भी मैकेनिक्स की मांग को बढ़ा रही है. मेक इन इंडिया से भी घरेलू प्रोडक्शन बढ़ रहा है और आयात पर निर्भरता घट रही है. इससे मैन्युफैक्चरिंग और प्रॉडक्शन सुविधाओं के लिए स्किल्ड टेक्नीशियंस की मांग बढ़ रही है. इसके अलावा बायोडेटा सर्च में दूसरे लोकप्रिय सेगमेंट्स में बिजनेस डेवलपमेंट एग्जिक्यूटिव्स -इलेक्ट्रिशयन -ग्राफिक्स डिजाइनर -PHP डेवलपर्स शामिल हैं. 

क्या करें युवा 

ऐसे में नौकरी की तलाश करने वालों भी अगर इन प्रोफाइल्स को ध्यान में रखकर अपनी स्किल्स को इनके मुताबिक ढालने की कोशिश करेंगे तो मुमकिन है कि उन्हें नौकरी हासिल करने में कामयाबी मिल सकती है. यही नहीं कोर्स करने के लिए नौकरी के विकल्प देखने वाले छात्र भी अपनी आगे की पढ़ाई की योजना इन प्रोफाइल्स के मुताबिक बदल सकते हैं. (आदित्य के राणा) 

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