पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट में चीनी का इस्तेमाल घटाएगी सरकार, बीमारियों से बचाने के लिए NIN की सिफारिशें जल्द लागू होंगी

पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट में चीनी का इस्तेमाल घटाएगी सरकार, बीमारियों से बचाने के लिए NIN की सिफारिशें जल्द लागू होंगी

बढ़ते मोटापे और मधुमेह समेत कई तरह की बीमारियों को लेकर बढ़ती चिंताओं के साथ-साथ सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर माल्टेड ड्रिंक बोर्नविटा और बेबीफूड सेरेलैक में हाई शुगर कंटेंट के आरोपों के बीच ये नई सिफारिशें लाई गई हैं.

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पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट में चीनी का इस्तेमाल घटाएगी सरकार, बीमारियों से बचाने के लिए NIN की सिफारिशें जल्द लागू होंगी फूड प्रोडक्ट में चीनी के इस्तेमाल की सीमा में बदलाव की सिफारिश.

बढ़ते मोटापे और मधुमेह जैसी बीमारियों से परेशान लोगों की बढ़ती संख्या से चिंतित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संस्था ने पैकेज्ड फूड और ड्रिंक्स प्रोडक्ट में चीनी के इस्तेमाल की सीमा में बदलाव की सिफारिश की है. संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में चीनी के कम इस्तेमाल के लिए फिर से लिमिट तय करने की जरूरत है. ऐसे में केंद्र सरकार जल्द ही सिफारिशों को लागू कर सकती है. वहीं, इंडस्ट्री ने सिफारिशों का विरोध किया है और कहा है कि तमाम फूड ब्रांड और प्रोडक्ट के लिए फॉर्मूलेशन में बदलाव करना होगा, जो आसान नहीं है. 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की सहयोगी संस्था राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) ने पहली बार पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट और पेय पदार्थों में चीनी की लिमिट तय करने की सिफारिश की है. यह कदम अधिकांश ब्रांडेड कोल्ड ड्रिंक्स, जूस, कुकीज़, आइसक्रीम, अनाज और अन्य वस्तुओं को प्रभावित करेगा. यह सिफारिशें पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों के लिए कैलोरी लिमिट की पिछली व्यवस्था में बदलाव लाएंगी. 

बढ़ती बीमारियों को रोकने के लिए नई सिफारिशें   

बढ़ते मोटापे और मधुमेह समेत कई तरह की बीमारियों को लेकर बढ़ती चिंताओं के साथ-साथ सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर माल्टेड ड्रिंक बोर्नविटा और बेबीफूड सेरेलैक में हाई शुगर कंटेंट के आरोपों के बीच ये नई सिफारिशें लाई गई हैं. 

खाद्य और पेय पदार्थों के लिए चीनी लिमिट

विशेषज्ञों की समिति ने इन सिफारिशों जारी किया है और कहा है कि ठोस खाद्य पदार्थों के लिए चीनी की लिमिट कैलकुलेशन एडेड शुगर से 5 फीसदी एनर्जी और टोटल शुगर से 10 फीसदी से अधिक एनर्जी पर नहीं की गई हैं. वहीं, पेय पदार्थों के लिए चीनी की लिमिट कैलकुलेशन एडेड शुगर से 10 फीसदी एनर्जी और टोटल शुगर से 30 फीसदी एनर्जी पर की गई है. इसमें फलों के रस, दूध जैसे प्रोडक्ट में नेचुरली मौजूद शुगर को शामिल किया गया है. 

फॉर्मूलेशन में बदलाव को लेकर परेशान फूड कंपनियों 

पैकेज्ड फूड कंपनियों के अधिकारियों ने चीनी लिमिट की सिफारिशों से को अव्यावहारिक बताया है. कहा गया कि अगर सरकार इन सिफारिशों को स्वीकार करने और लागू करने का फैसला करती है तो अधिकांश ब्रांडेड फूड और पेय पदार्थ ब्रांडों को अपने फॉर्मूलेशन में बदलाव करना पड़ेगा. वहीं, हैदराबाद स्थित एनआईएन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह जनरल नॉलेज है कि हाई फैट-शुगर और नमक वाले फूड प्रोडक्ट और प्रॉसेस्ड प्रोडक्ट में चीनी को कम करना होगा. भारत में नियामकों की ओर से अब तक इनको लेकर स्पष्टता का प्रयास नहीं किया गया है.

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