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Soybean Price: सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल मांग रहे किसान, क्या सरकार का MSP बढ़ाने का है प्लान!

Soybean Price: सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल मांग रहे किसान, क्या सरकार का MSP बढ़ाने का है प्लान!

Soybean Price: सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल मांग रहे किसान, क्या सरकार का MSP बढ़ाने का है प्लान!Soybean Price: सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल मांग रहे किसान, क्या सरकार का MSP बढ़ाने का है प्लान!

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सोयाबीन के दामाें पर घमासान, क्‍या MSP बढ़ाने का हो सकता है ऐलान सोयाबीन के दामाें पर घमासान, क्‍या MSP बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

सोयाबीन के दामों पर देश में घमासान जारी है. मौजूदा वक्‍त में साेयाबीन के दाम 3800 से 4000 रुपये क्‍विंटल हैं, जो साेयाबीन के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) से 800 से एक हजार रुपये तक कम हैं. सोयाबीन का MSP खरीफ सीजन के लिए 4892 रुपये घोषित किया गया है. इस बीच केंद्र सरकार ने MSP पर सोयाबीन की खरीदी शुरू करने का ऐलान किया है, लेकिन किसानों की मांग सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल करने की है. इसको लेकर मध्‍य प्रदेश से लेकर महाराष्‍ट्र तक घमासान जारी है. इस बीच इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं कि सरकार सोयाबीन का MSP बढ़ा सकती है.

आज की बात... इसी पर. जानेंगे कि क्‍यों किसान साेयाबीन के दाम 600 रुपये क्‍विंटल करने की मांग कर रहे हैं, इस मांग को पूरा करने के लिए किसान क्‍या प्‍लान कर रहे हैं. साथ ही जानेंगे कि क्‍यों कहा जा रहा है कि सोयाबीन के MSP में बढ़ोतरी हो सकती है.

किसान क्‍यों मांग रहे 6 हजार रुपये सोयाबीन का दाम

सोयाबीन का बाजार भाव 3800 से 4000 हजार रुपये क्‍विंटल चल रहा है, जबकि सोयाबीन का MSP इस साल के लिए 4892 रुपये क्‍विंटल तय किया गया है, लेकिन किसान सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल करने की मांग कर रहे हैं. ऐसा क्‍यों कि किसान घोषित MSP से लगभग 1100 रुपये अधिक मांग रहे हैं. इसको लेकर किसानों का कहना है कि सोयाबीन की खेती में लागत के अनुपात में घोषित MSP बहुत कम है.

मध्‍य प्रदेश के अशोकनगर निवासी किसान जसदेव सिंह नत इसको लेकर कहते हैं कि सरकार का कहना है कि लागत पर 50 फीसदी का मुनाफा जोड़ कर MSP घोषित की जाती है, लेकिन सोयाबीन के साथ ऐसा नहीं हो रहा है कि सोयाबीन की लागत पर 50 फीसदी का मुनाफा जोड़ कर अगर सोयाबीन का MSP तय किया जाए तो वह घोषित MSP 4892 रुपये से अधिक है. इस स्‍थिति में किसान सोयाबीन का दाम यानी MSP 6 हजार रुपये क्‍विंटल करने की मांग कर रहे हैं.

किसानों का क्‍या है प्‍लान

सोयाबीन के दामों को लेकर मध्‍य प्रदेश से लेकर महाराष्‍ट्र तक घमासान जारी है. किसान सोयाबीन फसल की अर्थी निकाल चुके हैं और दामों पर मातम मना चुके हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने महाराष्‍ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में सोयाबीन MSP पर खरीदने का ऐलान किया है, लेकिन किसान इस ऐलान से संतुष्‍ट नहीं हैं. मध्‍य प्रदेश में किसानों ने सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपये क्‍विंटल करवाने के लिए आगे लड़ाई का ऐलान किया हुआ है. जिसकी रूपरेखा को आने वाले दिनों में अंतिम रूप दिया जाना है. कुछ ये ही हाल महाराष्‍ट्र का भी है.

वहीं गुरुवार को भारतीय किसान संघ का प्रदेश अधिवेशन आयोजित किया गया. इस अधिवेशन में  महाकौशल, मध्यभारत व मालवा समेत कुल 55 जिलों के किसान पहुंचे. इस दौरान सोयाबीन का MSP सरकार से 6000 रुपये क्‍विंटल कराने को लेकर आंदोलन का ऐलान हुआ.

माना जा रहा है कि सोयाबीन के कम दामों का मुद्दा महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकता है, जिसे देखते हुए ही केंद्र सरकार ने MSP पर सोयाबीन की खरीदी का ऐलान किया है, लेकिन अगली चुनौती सोयाबीन की घोषित MSP से किसानों की नाराजगी से है. जिसको भी राजनीतिक दल भांप चुके और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने की उम्‍मीद है.

सोयाबीन की MSP में बढ़ोतरी के क्‍या संकेत 

सोयाबीन की MSP पर खरीदी के ऐलान के बाद भी दामों को लेकर घमासान जारी है. इस बीच ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार सोयाबीन की MSP में बढ़ोतरी कर सकती है. इस संकेत के नायक महाराष्‍ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार हैं. असल में महाराष्‍ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार ने बीते रोज इसको लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि सोयाबीन ओर कपास की MSP बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार सकारात्‍मक है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस मांग को लेकर जल्‍द ही महाराष्‍ट्र के मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मुलाकात करेगा.

डिप्‍टी सीएम अजीत पवार का ये बयान महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव से पहले आया है. ऐसे में उनके इस बयान पर महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम छिपे हुए हैं. असल में लोकसभा चुनाव में प्‍याज, सोयाबीन और कपास किसानों के गुस्‍से का महायुती को सामाना करना पड़ा था, इस वजह से महाराष्‍ट्र में एनडीए को बड़ा नुकसान हुआ है. चुनाव परिणाम के बाद उपमुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने प्‍याज, सोयाबीन और कपास से परोक्ष-अपरोक्ष रूप से माफी भी मांगी थी.