राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सर्वेक्षण संविदाकर्मी 16 अगस्त से शुरू हुए राजस्व महाअभियान के दौरान अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 32 दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताल में सेवा आयु 60 वर्ष करने की मांग भी शामिल है. महाअभियान के तहत आम लोग अपने कागजात सुधारने के लिए शिविरों में आवेदन कर रहे हैं, लेकिन संविदाकर्मियों की मांग और एकजुटता में कमी आने लगी है.
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक करीब 7,000 बर्खास्त संविदाकर्मियों में से अब तक 2,800 से अधिक ने नौकरी पर वापसी के लिए अपील अभ्यावेदन किया है, जिनमें 1902 को स्वीकृति मिल चुकी है. हड़ताल पर बैठे 11,000 से अधिक कर्मियों में से पहले दो मौकों (30 अगस्त और 3 सितंबर) पर 3,321 कर्मी काम पर लौटे. अब कुल 5,223 संविदाकर्मी वापस सेवा में आ चुके हैं. विभाग अपील अभ्यावेदन पर कार्रवाई जारी रखे हुए है.
हड़ताल की वजह से संविदाकर्मी बीजेपी कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास समेत कई जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि अपील अभ्यावेदन अभियान ने हड़ताल की ताकत कमजोर करना शुरू कर दिया है. कई कर्मी बताते हैं कि आंदोलन शुरुआत में विभाग विरोधी था, लेकिन अब राजनीतिक रंग ले रहा है. चुनावी साल होने के कारण कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार उनकी मांगें मानेगी, लेकिन फिलहाल कोई हल नहीं निकला है.
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे एक संविदाकर्मी नेता ने कहा कि अपील अभ्यावेदन 45 दिनों तक किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने हड़ताल जारी रखने की अपील भी की.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मानना है कि अपील अभ्यावेदन का अवसर दिए जाने के बाद बड़ी संख्या में बर्खास्त कर्मी पुनः सेवा में लौट रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. शुरुआत में जहां सिर्फ 54 कर्मियों की वापसी हुई थी, वहीं यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते 402 और के बाद मंगलवार तक 1400 अपील अभ्यावेदनों को स्वीकृति दे दी गई थी.
वहीं, बुधवार को 502 अपील अभ्यावेदन को स्वीकृति मिली. इस तरह अब तक कुल 1902 अपील अभ्यावेदन को स्वीकृति दी जा चुकी है. वहीं, विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में शेष बचे संविदाकर्मी भी अपील अभ्यावेदन कर सेवा में लौट आएंगे और हड़ताल समाप्त हो जाएगी.
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