जिस तरह खराब खाना आपका पेट खराब कर सकता है, उसी तरह कमजोर बीज किसान का पूरा साल बर्बाद कर सकते हैं. क्वालिटी वाले बीज फसल उत्पादन की नींव हैं, क्योंकि ये पैदावार बढ़ाते हैं, लागत कम करते हैं और किसानों की आर्थिक स्थिरता में सुधार करते हैं. यानी एक गुणवत्तापूर्ण बीज किसानों के सभी प्रयास सार्थक बना सकता है. यही वजह है कि गुजरात में किसानों को गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने और इससे उनकी आय बढ़ाने के इरादे से, गुजरात राज्य बीज निगम हाई क्वालिटी वाले बीजों का उत्पादन और वितरण करता है.
बीज निगम राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी किसानों को उचित मूल्य पर, समय पर, सही और हाई क्वालिटी वाले बीज उपलब्ध कराता है. बीज निगम ने पिछले साल कुल 3.68 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों का उत्पादन किया. इसके अतिरिक्त, चालू वर्ष 2025-26 में किसानों को लगभग 3.40 लाख क्विंटल बीज वितरित किए जाएंगे.
गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बीज निगम गेहूं, धान, मूंगफली, अरंडी, सोयाबीन, चना, मूंग और जीरा सहित 24 प्रमुख फसलों की 125 से अधिक किस्मों के उच्च-गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन और बिक्री करता है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, पिछले तीन सालों में बीज निगम द्वारा बीजों के उत्पादन और बिक्री में लगातार वृद्धि हुई है. चालू वर्ष 2025-26 में, निगम की योजना 3.75 लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन और 2030 तक सालाना 4 लाख क्विंटल से अधिक बीजों का वितरण करने की है.
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि बीज उत्पादन 2022-23 में 2.38 लाख क्विंटल से बढ़कर 2024-25 में 3.68 लाख क्विंटल हो गया, जो केवल दो सालों में 1.30 लाख क्विंटल की तीव्र वृद्धि दर्शाता है. इसी प्रकार, वर्ष 2022-23 में, कुल 2.49 लाख क्विंटल वितरण के मुकाबले, पिछले वर्ष 2024-25 में 2.97 लाख क्विंटल बीज बिके थे. केवल दो वर्षों के भीतर, वितरण में भी 48,000 क्विंटल की वृद्धि हुई है, जो बीज निगम के संचालन और उत्पादन क्षमता दोनों में निरंतर विस्तार को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.
बता दें कि निगम संबंधित क्षेत्रों के प्रगतिशील किसानों के सहयोग से बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाता है. बुवाई से लेकर कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और भंडारण तक, हर चरण की वैज्ञानिक रूप से सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. इसके बाद, बीजों को अधिकृत एजेंसियों द्वारा प्रमाणित किया जाता है, जिससे आनुवंशिक शुद्धता, भौतिक शुद्धता और अंकुरण क्षमता के उच्चतम मानकों की गारंटी मिलती है.
निगम पूरे राज्य में सहकारी संस्थाओं और गांव, तालुका और जिला स्तर पर निजी अधिकृत बीज विक्रेताओं के माध्यम से बीज बेचता और वितरित करता है. वर्तमान में, निगम के पास 1,289 अधिकृत बीज विक्रेताओं का एक विस्तृत नेटवर्क है, जिसमें 401 सहकारी संस्थाएं, 367 कृषि-क्लीनिक और कृषि-व्यवसाय केंद्र, और 521 निजी संस्थान शामिल हैं. इस नेटवर्क के माध्यम से, राज्य के दूरदराज के इलाकों के किसानों को भी समान मूल्य पर और आसानी से बीज मिल जाते हैं.
बीज निगम कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित नई अनुशंसित किस्मों के बीजों के उत्पादन को प्राथमिकता देता है, जबकि पुरानी किस्मों के उत्पादन को कम करता है. इससे किस्म प्रतिस्थापन दर (VRR) और बीज प्रतिस्थापन अनुपात (SRR) को बढ़ाने में मदद मिलती है. इसके परिणामस्वरूप, नई, अधिक उपज देने वाली और रोग-प्रतिरोधी किस्में किसानों तक जल्दी पहुंचती हैं, जिससे कृषि क्षेत्र की समग्र उत्पादकता में सुधार होता है.
(सोर्स- ANI)
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