केंद्र ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के तहत 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 एस्पिरेशनल एग्रीकल्चर डिस्ट्रिक्ट्स के विकास की घोषणा की, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे अधिक 12 जिलों के साथ शामिल हैं. सरकार ने योजना के संचालन संबंधी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. चुने गए जिलों में योजना की कार्यप्रणाली की निगरानी के लिए 100 केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs) नियुक्त किए जिनमें अधिकांश संयुक्त सचिव हैं. यह आदेश पर्सनल एंड ट्रेनिंग विभाग ने शुक्रवार को जारी किया.
जिलों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश टॉप पर है. योजना के तहत उत्तर प्रदेश के जिन जिलों को चुना गया है उनमें, महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, बांदा, जालौन, झांसी, उन्नाव, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और ललितपुर शामिल हैं. यूपी के बाद योजना के लिए महाराष्ट्र के नौ जिलों को शामिल किया गया है. महाराष्ट्र के जिन नौ जिलों को शामिल किया गया उनमें पालघर, यवतमाल, गढ़चिरोली, धुले, रायगढ़, छत्रपति संभाजीनगर, चंद्रपुर, नांदेड़ और बीड. बिहार के जिन जिलों को चुना गया है, उनमें मधुबनी, दरभंगा, बांका, गया, सिवान, किशनगंज और नवादा. वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में हर राज्य से आठ-आठ जिले शामिल हैं.
आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में चार-चार जिलों को शामिल किया गया है. इसी तरह से असम, छत्तीसगढ़ और केरल से प्रत्येक से तीन जिले चुने गए हैं. जम्मू-कश्मीर, झारखंड और उत्तराखंड जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्येक से दो जिलों को शामिल गया गया है. बाकी 11 राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम और त्रिपुरा, में प्रत्येक से एक जिला चयनित किया गया है.
जो दिशा-निर्देशों जारी किए गए हैं, उनके अनुसार, हर जिले के लिए एक जिला कृषि विकास योजना तैयार की जाएगी और इन योजनाओं में 11 विभागों की 36 योजनाओं को इंटीग्रेट किया जाएगा. इनमें से अधिकतम 19 योजनाएं कृषि और किसान कल्याण विभाग की होंगी. माना जा रहा है कि इस योजना के तहत हर वर्ष लगभग 24,000 करोड़ रुपये के कार्य किए जाएंगे. हालांकि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के लिए कोई अलग बजट आवंटन नहीं किया गया है, इसे विभिन्न योजनाओं के समन्वय के माध्यम से लागू किया जाएगा.
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