Hukumchand Mill: 32 साल बाद मिल मजदूरों को 224 करोड़ रुपये मिले, पीएम मोदी ने बकाया राशि का चेक जारी किया 

Hukumchand Mill: 32 साल बाद मिल मजदूरों को 224 करोड़ रुपये मिले, पीएम मोदी ने बकाया राशि का चेक जारी किया 

करीब 32 साल से अपने बकाया का इंतजार कर रहे इंदौर की हुकुचंद मिल के मजदूरों को सरकार ने 224 करोड़ रुपये का चेक जारी कर दिया है.

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Hukumchand Mill: 32 साल बाद मिल मजदूरों को 224 करोड़ रुपये मिले, पीएम मोदी ने बकाया राशि का चेक जारी किया 32 साल बाद मिल मजदूरों को 224 करोड़ रुपये मिले.

करीब 32 साल से अपने बकाया का इंतजार कर रहे इंदौर की हुकुचंद मिल के मजदूरों को सरकार ने बड़ी राहत दी है.पीएम मोदी ने 'मजदूरों का हित मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मजदूरों के बकाया राशि भुगतान के लिए 224 करोड़ रुपये का चेक जारी कर दिया है. इसके अलावा पीएम ने 322 करोड़ रुपये की विकासपरक योजनाओं की सौगात मध्य प्रदेश की जनता को दी है. 

वर्षों की तपस्या का फल श्रमिकों को मिला 

इंदौर में आयोजित 'मजदूरों का हित मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम हमारे श्रमिक भाई-बहनों की कई वर्षों की तपस्या और उनके कई वर्षों के सपनों और संकल्प परिणाम है. मुझे खुशी है कि आज अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती है, बीजेपी की ये नई सरकार और नए सीएम तथा प्रदेश में ये मेरा पहला सर्वाजनिक कार्यक्रम है और वो भी मेरे श्रमिक भाई-बहनों के लिए होना तथा ऐसे कार्यक्रम में मुझे आने का अवसर मिलना ये मेरे लिए संतोष का विषय है."

पीएम मोदी ने 224 करोड़ का चेक जारी किया 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया तो इंदौर में उत्सव का माहौल हो गया था. इस निर्णय ने हमारे श्रमिक भाई-बहनों में त्योहारों के उल्लास को और बढ़ा दिया है. पीएम ने कहा कि आज 224 करोड़ रुपए का चेक सौंपा गया है. आने वाले दिनों में ये राशि हमारे श्रमिकों तक पहुंचेगी. मैं जानता हूं कि आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. लेकिन, अब आपका भविष्य उज्ज्वल है. इंदौर के लोग 25 दिसंबर को श्रमिकों को न्याय मिलने के दिन के तौर पर याद रखेंगे.”

दिसंबर 1991 में बंद हो गई थी हुकुमचंद मिल 

इंदौर की हुकुमचंद मिल 21 दिसंबर 1991 को बंद कर दी गई थी. इस मिल को कपास से कपड़ा बनाने के लिए स्थापित किया गया था. मिल बंद हुए लगभग 32 साल हो गए हैं, तब 5895 कर्मचारियों का मिल पर बकाया था. बकाये के भुगतान की मांग को लेकर मजदूर कोर्ट के दरवाजे तक गए. इतने साल के संघर्ष के दौरान 2000 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई. बीते दिनों हुकुमचंद मिल के मजदूरों के बकाए के भुगतान को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने भुगतान प्रस्ताव पर साइन किया था. अब जाकर बकाया भुगतान के रूप में 224 करोड़ रुपये का चेक जारी किया गया है. 
 

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