Mann Ki Baat: कौन हैं तुलसीराम जिनका PM मोदी ने मन की बात में लिया नाम, दुनिया भर के लिए मिसाल बना इनका काम

Mann Ki Baat: कौन हैं तुलसीराम जिनका PM मोदी ने मन की बात में लिया नाम, दुनिया भर के लिए मिसाल बना इनका काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान PM Modi ने उत्तर प्रदेश के बांदा के रहने वाले तुलसीराम का नाम लिया. दरअसल, तुलसीराम ने अपने गांव और आसपास के इलाके में 40 तालाब बनवाए हैं, जिनसे इलाके का भू जलस्तर बढ़ गया है.

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Mann Ki Baat:  कौन हैं तुलसीराम जिनका PM मोदी ने लिया नाम, दुनिया भर के लिए मिसाल बना इनका कामप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्राम प्रधान तुलसी राम यादव, फोटो: किसान तक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी इस कार्यक्रम में देश की तमाम योजनाओं, लोगों और खुद के सक्सेस प्लान के बारे में चर्चा करते हैं. उसी क्रम में बांदा का नाम उनकी जुबान पर फिर से आया है.  पीएम मोदी ने बांदा के एक छोटे गांव के रहने वाले तुलसीराम का नाम लिया और उनके नए प्रयोग की जमकर सराहना की. आखिर पूरे देश में तुलसीराम ने ऐसा क्या किया जिससे कि PM मोदी के जुबान पर उनका नाम आ गया. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं- 

तुलसीराम की पहल से भू-जलस्तर में हुआ सुधार 

पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि एक साथी हैं UP के बांदा के तुलसीराम यादव, जो लुकतरा गांव के प्रधान हैं. आप भी जानते हैं बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी को लेकर कितनी कठिनाई रही है. इस चुनौती से पार पाने के लिए तुलसीराम ने गांव के लोगों को साथ लेकर 40 से ज्यादा तालाब बनवाये हैं. तुलसीराम जी ने अपनी मुहिम को आधार बनाया है-  खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में. आज उनकी मेहनत का नतीजा है कि उनके गांव में भू जलस्तर में सुधार आ रहा है. उनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए. 

बुंदेलखंड में पानी बचाने को लेकर मुहिम छेड़ी है तुलसीराम ने 

बांदा के एक छोटे से गांव लुकतरा के रहने वाले तुलसीराम का देश के पीएम मोदी ने नाम इसलिए लिया कि उन्होंने बुंदेलखंड को पानीदार बनाने के लिए मुहिम छेड़ रखी है. उन्होंने पानी को बचाने के अभियान की शुरुआत अपने गांव से की है. तुलसीराम अपने गांव के प्रधान भी हैं. उन्होंने अपने गांव में लोगों के सहयोग से करीब 40 से ज्यादा तालाब खोदे हैं. जिससे वहां का जलस्तर भी बढ़ गया है. 

‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ अभियान

ग्राम प्रधान तुलसीराम ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ अभियान के तहत एक नया अभिनव प्रयोग कर रहे हैं. जिसका सुखद परिणाम अब यह आया कि गांव का जलस्तर बढ़ गया है, गांव के किसानों को इसका फायदा मिलने लगा है. गांव के लोग उनके इस प्रयोग को अपना रहे हैं, साथ ही खेतों में तालाब बनाने के माध्यम से पानी को बचा रहे हैं, जो उनके आने वाले दिनों में खेती करने के काम आता है. 

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आपको बता दें PM मोदी पहले भी अपने मन की बात में जलयोद्धा पदम् श्री उमाशंकर पांडेय के जखनी मॉडल की चर्चा कर चुके हैं. जो पूरे प्रदेश में अपने आप में एक मॉडल है. साथ ही जिले के पूर्व डीएम अनुराग पटेल के जल संचयन और बुंदेलखंड में पानी की समस्या को दूर करने के लिए उन्हें इनाम दिया गया था. 

अभियान से किसानों को हो रहा है फायदा

ग्राम प्रधान तुलसीराम ने किसान तक को बताया कि उन्होंने PM मोदी के मिशन को आगे बढाने के लिए एक मुहिम छेड़ रखी है. उन्होंने अपने गांव लुकतरा में गांव के लोगों की मदद से करीब 40 तालाब खुदवाए हैं. उन्होंने खेतों में ऐसी ढाल बनाई है कि बारिश का पानी बर्बाद होने की बजाय खेतो के माध्यम से सीधे तालाबों में जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ अभियान को अपनाया, जिससे आज उनके गांव में जलस्तर बढ़ रहा है. किसानों को फायदा हो रहा है. 

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उन्होंने पीएम मोदी का अपने मन के कार्यक्रम में नाम लेने के लिए आभार जताया. कहा कि उन्होंने मेरा और मेरे गांव का नाम लिया है, बड़े गर्व की बात है. हमारे गांव का नाम देश में आ गया.

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