Photo Quiz: तरबूज की तरह दिखती है ये सब्जी, मसाले में भी होती है इस्तेमाल

Photo Quiz: तरबूज की तरह दिखती है ये सब्जी, मसाले में भी होती है इस्तेमाल

कचरी सब्जी ककड़ी की एक किस्म है और यह देखने में बिल्कुल तरबूज की तरह होता है.  इसका रगं हल्के भूरा पीला होता है. यह मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाती है. कचरी का स्वाद शुरू में थोड़ी कड़वी होती है,

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Photo Quiz: तरबूज की तरह दिखती है ये सब्जी, मसाले में भी होती है इस्तेमालतरबूज की तरह दिखती है ये सब्जी जानें इसका नाम

हमारे आसपास कई सारे ऐसे फल, सब्जी और मसाले हैं जोकि सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ऐसी सब्जियों और फलों के बारे में नहीं जानते हैं. इन्हीं सब्जियों में से एक जंगली तरबूज भी है. इस सब्जी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये सब्जी भारत के गर्म और शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है यानी राजस्थान और गुजरात में पाई जाती है. वहीं, यह राजस्थान की देसी सब्जी है. इस सब्जी को कचरी नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि यह सब्जी काफी स्वादिष्ट होती है और इसका इस्तेमाल राजस्थान और गुजरात के लोग मसालों के रूप में भी करते हैं.

कचरी को आप बनाकर खा सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं. इस सब्जी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. वहीं कचरी सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कचरी सब्जी के गुण और फायदे-

कचरी सब्जी की खासियत

ये सब्जी ककड़ी की एक किस्म है और यह देखने में बिल्कुल तरबूज की तरह होता है. इसका रंग हल्के भूरा पीला होता है. यह मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाती है. कचरी का स्वाद शुरू में थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन  यह जब थोड़ी बड़ी होने लगती है तो खट्टी होने लगती है. इसे अप्रैल से लेकर जुलाई के महीने में उगाया जाता है. कचरिया की बेल होती है, जिसमें बड़ी संख्या में फल लगते हैं. जब इसका फल एक से डेढ़ इंच लंबा हो जाता है, तब उन्हें तोड़ लिया जाता है. मरु-प्रदेश में अत्यधिक पैदा होने के कारण कचरी का एक नाम ‘मरुजा’ भी है.

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ऐसे किया जाता है इस्तेमाल

कचरी से बने पाउडर का उपयोग राजस्थानी और गुजराती व्यंजनों में बड़े पैमाने पर किया जाता है. कचरी को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से निपटने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. ये कबाब और अन्य पारंपरिक व्यंजनों में तीखा स्वाद देता है. वहीं साबुत सूखे कचरी को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, और ग्राइंड पाउडर को कुछ महीनों तक रखा जा सकता है. इसके अलावा कचरी के इन फलों से ज्यादातर लोग चटनी और सब्जी बनाते हैं. जो कि काफी स्वादिष्ट होती है. वहीं इसके खट्टे स्वाद की वजह से कई लोग इसका अचार भी बनाते हैं.

पोषक तत्वों से है भरपूर

कचरी एंटीऑक्सीडेंट गुणों और इसके बीज प्रोटीन से भरपूर होता है. इसमें कचरी विटामिन सी की भी मात्रा अधिक होती है, जिसकी वजह से यह आपको बीमारियों से दूर रखने और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होती है.  

जानें कचरी के फायदे

कचरी न केवल अपने स्वाद के लिए खास है बल्कि इसके सेहत संबंधी फायदे भी अनगिनत है. आयुर्वेद के अनुसार ये जुकाम, पित्त, कफ, कब्ज, सहित कई रोगों में के लिए बेहतरीन दवा मानी जाती है. इसके अलावा इसे खाने से भूख बढ़ती है. कचरी में यूरिन बढ़ाने वाले गुण होते हैं. वहीं यह ब्रेन के लिए भी अच्छा माना जाता है. साथ ही त्वचा के लिए भी ये फायदेमंद होती है.

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