केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए देशभर में किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है. इन किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ से जुड़े अन्नदाताओं के एग्री प्रोडक्ट की बिक्री के लिए सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (ONDC) भी 2022 में शुरू कर चुकी है. ओएनडीसी पर रजिस्टर होने वाले 7 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठनों ने किसानों के प्रोडक्ट चावल, दालें, बाजरा, शहद, मशरूम, मसालों की बिक्री कर रहे हैं.
केंद्र सरकार ने 2022 में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी को लॉन्च किया था. जबकि, अप्रैल 2023 में से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को ओएनडीसी प्लेटफॉर्म से जोड़ना शुरू किया गया है. मंत्रालय के अधीन संस्था SFAC के अनुसार तब से अब तक सरकार के साथ रजिस्टर्ड 8,500 किसान उत्पादक संगठनों में से 7,020 से अधिक किसान संगठनों ने ओएनडीसी के जरिए कृषि उत्पादों की 3,100 से अधिक किस्में बेची हैं.
सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी के नेटवर्क में माईस्टोर, पेटीएम, मैजिकपिन और डेल्हीवरी सहित 30 से अधिक डिजिटल एप्लिकेशन हैं, जो इंटरसिटी लॉजिस्टिक्स और खरीदारों-विक्रेताओं के लिए प्लेटफॉर्म को कवर करते हैं. ओएनडीसी को छोटे उद्यमों को सपोर्ट करने के लिए अमेजन और वॉलमार्ट जैसे वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गजों के विकल्प के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के एफपीओ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुगंधित चावल की किस्में, दालें और हल्दी पाउडर बेच रहे हैं. जबकि, विभिन्न राज्यों के किसान समूह अब चावल, दालें, बाजरा, शहद, मशरूम, मसाले समेत वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की बिक्री सरकार के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर कर रहे हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन संस्था SFAC किसानों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ को ओएनडीसी से जोड़ रही है. इससे किसान संगठनों को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन पेमेंट, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर ट्रांजैक्शन आदि की सीधी पहुंच बनाना आसान हो गया है. एफपीओ को ओएनडीसी पर फ्री रजिस्ट्रेशन, प्रोडक्ट कैटलॉग, डिजिटल प्रमोशन, शिपिंग लेबल तैयार करने, डिलीवरी पार्टनर्स से जुड़ने और डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी जाती है. टेक प्रमुख मेटा ने एफपीओ सहित छोटे व्यवसायों को स्किल्ड करने के लिए ओएनडीसी के साथ करार किया है.
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