गर्म सांबर और नारियल की चटनी में डूबी हुई इडली खाना हर किसी को पसंद होता. इसकी खासियत यह है कि इसे नाश्ते से लेकर लंच और डिनर तक में खाया जा सकता है. पोषण से भरपूर इडली न सिर्फ पेट भरती है बल्कि इसे पचाना भी शरीर के लिए मुश्किल नहीं होता. इडली को भाप में पकाया जाता है और सांबर और नारियल की चटनी के साथ इसका स्वाद और भी अच्छा लगता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इडली को आलू और ज्वार के साथ मिक्स कर के भी बनाया जा सकता है. जी हां अब आप इडली को इस नए तरीके से भी बना सकते हैं. क्या है वो तरीका आइए जानते हैं. लेकिन उससे पहले इडली के बारे में जान लेते हैं.
कर्नाटक के व्यंजनों के प्रसिद्ध इतिहासकार केटी आचार्य के अनुसार, इडली की उत्पत्ति 7वीं से 12वीं शताब्दी के बीच इंडोनेशिया में हुई थी. जहां इसे 'केदली' या 'केदारी' के नाम से जाना जाता था. 7वीं से 12वीं शताब्दी तक, कई हिंदू राजाओं ने इंडोनेशिया पर शासन किया और जब वे रिश्तेदारों से मिलने या दुल्हन ढूंढने के लिए भारत आते थे तो अपने साथ शाही नौकरों को लाते थे. इस तरह इंडोनेशिया से केडली की रेसिपी भारत पहुंची और यहां इडली के नाम से मशहूर हो गई. इडली के जन्म से जुड़ी एक और कहानी है, जिसमें इसका संबंध अरब से भी देखा जाता है. 'एनसाइक्लोपीडिया ऑफ फूड हिस्ट्री' और एक अन्य पुस्तक 'सीड टू सिविलाइजेशन - द स्टोरी ऑफ फूड' में कहा गया है कि भारत में बसे अरब लोग सख्ती से केवल हलाल खाद्य पदार्थों का सेवन करते थे और चावल के गोले उनका पसंदीदा विकल्प थे. गोल चावल के केक का आकार भी थोड़ा चपटा होता था और अरब लोग इसे नारियल की चटनी के साथ खाते थे.
ये भी पढ़ें: कर्नाटक के इस किसान को मिला पद्मश्री पुरस्कार, इनकी खासियत जानकर रह जाएंगे दंग
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today