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ग्रामीण महिला उद्यमियों को लोन देकर आजीविका सुधार रहा किसानधन, 50 नई ब्रांच खोलने की तैयारी 

ग्रामीण महिला उद्यमियों को लोन देकर आजीविका सुधार रहा किसानधन, 50 नई ब्रांच खोलने की तैयारी 

मध्य प्रदेश की महिला किसान राधा भेरू और उनका परिवार 2 एकड़ खेत में गेहूं की खेती करते हैं. खरीफ सीजन के दौरान उनके खेतों में पानी घुसने से कोई फसल नहीं हो पाती है. इससे उन्हें कृषि श्रमिक के तौर पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. 4 साल पहले एग्री फाइनेंशियल फर्म किसानधन के जरिए लोन के रूप में मिले पैसे से परिवार की बेहतर जीवनयापन की कोशिश पूरी हुई.

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किसानधन ने 38 हजार से अधिक महिलाओं को लोन सुविधा दी है. (सांकेतिक तस्वीर) किसानधन ने 38 हजार से अधिक महिलाओं को लोन सुविधा दी है. (सांकेतिक तस्वीर)

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आजीविका और व्यवसाय में आ रही वित्तीय दिक्क्तों को दूर करने में फाइनेंस सेक्टर की कंपनियां तेजी से आगे आ रही हैं. ग्रामीणों-किसानों को छोटे लोन के रूप में पैसा उपलब्ध कराकर उनके कामकाज को शुरू करने और विस्तार देने में मददगार बन रही हैं. मध्य प्रदेश की किसान राधा भेरू इसका ताजातरीन उदाहरण हैं, जिन्हें फाइनेंशियल फर्म किसानधन (kissandhan) से दुकान खोलने के लिए पैसा मिला और अब उनकी जीविका का साधन बेहतर हुआ है. 

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के ढाबला में महिला किसान राधा भेरू और उनका परिवार सालाना 2 एकड़ खेत में गेहूं की खेती करते हैं. पड़ोसी खेतों का पानी उनके खेतों में घुसने के चलते परिवार खरीफ सीजन के दौरान कोई फसल नहीं उगा पाता है. इससे उन्हें कृषि श्रमिक के तौर पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. 4 साल पहले किसानधन एग्री फाइनेंशियल सर्विसेज के जरिए लोन के रूप में मिले पैसे से परिवार की बेहतर जीवनयापन की कोशिश पूरी हुई. फाइनेंशियल फर्म ने शुरुआत में परिवार को सब्जी की दुकान खोलने के लिए लोन दिया. अब परिवार ने एक किराने की दुकान भी खोल दी है.

राधा भेरू ने छोटी दुकान से बढ़ाया काम  

राधा भेरू के अनुसार पति और छोटा बेटा दुकान संभालते हैं. उन्होंने कहा कि किसानधन से संपर्क करने से पहले हमारे पास कुछ भी नहीं था. हमें शुरू में 60,000 रुपये का लोन मिला और हमने उसे चुका दिया. फिर हमने 80,000 रुपये लिए हैं, जिसें अगले कुछ महीनों में हम चुका देंगे. राधा भेरू की तरह ही कई महिलाओं ने भी फाइनेंशियल फर्म किसानधन से लोन लिया है. राजस्थान के ढाबला गांव की 10 महिलाओं ने (NBFC) से 7.6 लाख रुपये पाने के लिए ललिता समूह का बनाया है. 

छोटे शहरों की महिलाओं को वित्तीय मदद

किसानधन के सीईओ गुरिंदर सिंह शेंबे ने बिजनेसलाइन को बताया कि 2008 में बनी मूल कंपनी सोहनलाल कमोडिटी मैनेजमेंट लिमिटेड (SLCM) की 100 फीसदी सहायक NBFC कंपनी किसानधन है. किसानधन को 2014 में टियर 2, 3, 4 और 5 शहरों में काम करने के लिए लॉन्च किया गया था. उन्होंने कहा कि हम ऐसे लोगों के साथ काम करना चाहते हैं जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं.सेहम्बे ने कहा कि 2020 से किसानधन ने छोटे लोन और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ काम करके महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि अब तक फर्म ने 38,000 से अधिक महिला उद्यमियों को लोन सुविधा दी है. यह संख्या हर महीने बढ़ रही है. 

जन समृद्धि लोन लॉन्च होगा 

किसानधन के सीईओ ने कहा कि हम लॉन्ग टर्म के लिए जन समृद्धि लोन लाने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानधन वर्तमान शॉर्ट टर्म लोन की तुलना में लॉन्ग टर्म लोन पर भी विचार कर रहा है, जो छह या 12 महीने या 24 महीने के टेन्योर तक चलते हैं. इसके अलावा उद्यमियों को 2 साल से अधिक के फंड की जरूरत हो सकती है और यह 5 साल के टेन्योर तक हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसानधन वर्तमान में राजस्थान पर फोकस कर रहा है और राज्य में लगभग 10 ब्रांच स्थापित कर रहा है. अगले 2-3 साल में इसकी योजना मौजूदा शाखाओं के अलावा ऐसे लोन को संभालने के लिए 50 से अधिक ब्रांच खोलने की है. 

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