गुलाब, गेंदा, चमेली और चंपा के फूलों के फायदे के बारे में सबने सुना और देखा होगा. लेकिन क्या आपने कनेर के फूल के फायदे के बारे में जानने की कोशिश की है. अगर जवाब नहीं में है, तो मैं आपको आज इसके औषधीय गुणों के बारे में बताउंगा. कनेर एक ऐसा फूल है, जो शिवालयों के बाहर कहीं भी देखने को मिल जाता है. ऐसी मान्यता है कि कनेर के फूल से पूजा करने पर भगवान शंकर बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं. लेकिन इसके फूल के कुछ अपने फायदे भी हैं.
ऐसे तो कनेर का फूल कई रंगों में आता है, लेकिन इसका पीला कलर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. कहा जाता है कि इसके फूल और बीजों से कई गंभीर रोगों का इलाज किया जाता है. ऐसे फरवरी से मार्च महीने के बीच कनेर के पौधों पर ज्यादा फूल और फल आते हैं. वहीं, मार्च महीना खत्म होते-होते कनेर के फूल और फल सूख जाते हैं. इसके बाद फलों में दानेदार बीज तैयार हो जाते हैं. इन बीजों से कई तरह की औषधीय दवाइयां बनाई जाती हैं.
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खास बात यह है कि कनेर के बीज से दवाई बनाने के लिए आपको सबसे पहले फल से बीज को निकालना पड़ेगा. इसके बाद बीज को सिलबट्टे पर पीसकर उससे औषधीय दवा तैयार की जाती है. जानकारों का कहना है कि गर्मी के मौसम में इस लेप का इस्तेमाल कई तरह के रोगों के इलाज के लिए दवा के रूप में किया जाता है. खास कर छोटे बच्चों के कान के बगल में होने वाले घाव के इलाज में कनेर का लेप रामबाण की तरह काम करता है. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में कनेर के बीज से बने लेप को बड़े स्तर पर आदिवासी लोग दवा के रूप में उपयोग करते हैं. छत्तीसगढ़ी भाषा में इस लेप को कनकनेर कहा जाता है.
कहा जाता है कि कनेर के बीज से बने लेप को लगाने से किसी भी तरह के घाव ठीक हो जाते हैं. यही वजह है कि गांव में लोग छोटी-मोटी बीमारियों में दवा के रूप में कनेर का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, गांवों में चूहे किसानों को बहुत परेशान करते हैं. वे खलिहान और कच्चे घरों में असानी से बिल बना लेते हैं और अनाजों को बर्बाद करते हैं. अगर आप चूहों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो कनेर का उपयोग कर सकते हैं. इससे चूहे तुरंत अपने बिन से भाग जाएंगे.
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चूहों के भगाने के लिए आपको कनेर के फलों को तोड़कर उनके बिलों में रख होगा. इससे चूहे उस बिल को छोड़कर दूसरी जगह भाग जाते हैं और आपको इनके आतंक से छुटकारा भी मिल जाएगी. एक बार जिस बिल में कनेर के फल को रख दिया जाता है, उसमें चूहे दोबारा नहीं आते हैं. साथ ही जानकारों का कहना है कि कनेर के फलों को इंसानों को धोखे से भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इन बीजों में जहर होता है. इससे तबीयत बीगड़ सकती है.
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