कनेर के फूल बेहद खूबसरत होते हैं. कई देवी-देवताओं को कनेर के फूल प्रिय हैं इसलिए उन्हें पूजा में कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में भी कनेर के पौधे और कनेर के फूलों को बहुत महत्व दिया गया है. वास्तु शास्त्र में कनेर के पौधे को घर में लगाने के कई फायदे बताए गए हैं. साथ ही कनेर के फूल के चमत्कारिक उपाय खूब धन-दौलत दिला सकते हैं. ऐसे भी दावे किए जाते हैं. अब सवाल यह है कि क्या कनेर का पौधे घर के अंदर लगाए जा सकते हैं.
कनेर का पेड़ बहुत शुभ माना जाता है. कनेर का पौधा धन आकर्षित करता है. लेकिन जानकारों का कहना है कि कनेर के पौधे को कभी भी घर के अंदर न रखें. कनेर का पेड़ या पौधा घर के गार्डन में लगाना ही ठीक होता है. कभी भी कनेर के पौधे को घर के अंदर न रखें. पौधा विषैला होने की वजह से इसके सुरक्षा कारणों से भी इसे घर के अंदर लगाने से परहेज किया जाता है.
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कनेर सूर्य को पसंद करने वाला पौधा है. इन्हें फलने-फूलने के लिए आपकी बालकनी या छत पर सबसे चमकीले स्थानों पर लगाया जाना चाहिए. उन्हें बढ़ने के लिए प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे की धूप की आवश्यकता होती है. पूर्ण सूर्य में, वे अच्छी तरह बढ़ते हैं और अधिक प्रचुरता से खिलते हैं. हालांकि, छाया में, वे अक्सर कम फूल और पत्तियां पैदा करते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके पास प्यारे फूल उगाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा है, आपको उन्हें ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां वे प्रतिदिन छह से सात घंटे सीधी धूप का आनंद ले सकें.
कनेर के फूल को भारत में विशेष रूप से भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि यह अच्छी ऊर्जा फैलाता है. कनेर के पौधे को वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ घर की समृद्धि के लिए बेहद शुभ मानते हैं. हिंदू धर्म मानता है कि भगवान विष्णु पीले कनेर में निवास करते हैं, जबकि माता लक्ष्मी मुख्य रूप से सफेद कनेर के फूलों से जुड़ी हैं.
बताया गया है कि यह बवासीर, गंजेपन की समस्या, सिफलिस जैसी बीमारियों में काम आता है. इतना ही नहीं कुष्ठ रोग और त्वचा विकार में भी कनेर के औषधीय गुण से लाभ मिलता है. कनेर के फूलों में कुछ जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और यह कई अन्य औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. कनेर का उपयोग कुष्ठ रोग, सूजन, घाव, हृदय आदि के लिए औषधि बनाने में किया जाता है. कनेर के पत्तों में भी इसके फूलों की तरह औषधीय गुण होते हैं.
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