आईसीएआर ने वेणुगोपाल बदरवाड़ा की आईसीएआर सोसायटी के शासी निकाय और आम सभा में किसान प्रतिनिधि की उनकी सदस्यता वापस ले ली है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री की ओर से उन्हें 8 सितंबर 2023 से 7 सितंबर 2026 तक के लिए आईसीएआर सोसायटी के शासी निकाय और सामान्य निकाय में किसान प्रतिनिधि के रूप में नॉमिनेट किया था. लेकिन, उनका टर्म पूरा होने से पहले सदस्यता को खत्म कर दिया गया है.
आईसीएआर ने बदरवाड़ा पर आरोप लगाया है कि वह पिछले 7-8 महीनों से सरकार, DARE, ICAR के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ तुच्छ, निराधार और भौतिक रूप से असमर्थित आरोप लगाने जैसे कई मेल भेज रहे हैं. साथ ही आईसीएआर और भारत सरकार के बनाए नियमों और प्रक्रियाओं के खिलाफ मांग कर रहे हैं.
आईसीएआर ने आरोप लगाया कि वह सोसायटी के शासी निकाय सदस्य की हैसियत से मीडिया हाउस को प्रेस रिलीज जारी कर रहे हैं, जिससे संगठन के हितों के खिलाफ काम हो रहा है. उनके इन कृत्यों की वजह से आईसीएआर की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बॉडी के सदस्य होने के अपने मूल उद्देश्य का उल्लंघन किया है और इस तरह आईसीएआर सोसायटी के जनरल बॉडी और गवर्निंग बॉडी के सदस्य होने के नाते खुद को अनुचित कृत्यों में शामिल किया है.
आईसीएआर ने कहा कि जब सतर्कता प्रभाग ने उनकी विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई के लिए शिकायतों की पुष्टि करने और केंद्रीय सतर्कता मैनुअल में निर्धारित पहचान प्रमाण देने के लिए अनुरोध किया तो उन्होंने खुद से लगाए आरोपों की जांच में सहयोग करने के लिए अनुचित वित्तीय और रसद संबंधी मांगें कीं.
आईसीएआर ने आरोप लगाया कि जांच में सहयोग के लिए उन्होंने हर ऑनलाइन सेशन में मौजूद रहने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्यादा की फीस की मांग की और व्यक्तिगत रूप से मौजूद होने के लिए न्यूनतम पांच सौ करोड़ रुपये का व्यक्तिगत बीमा कवर, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में एक फुल स्टाफ वाले हाई सेक्यूरिटी ऑफिस बनाने, एक चार्टर प्लेन, प्रीमियम आवास, व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की मांग की.
इसके अलावा उन्होंने संकेत दिया कि व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने की फीस पर बातचीत की जा सकती है. आईसीएआर ने कहा कि शिकायतों की जांच की प्रक्रिया में इस तरह की अनुचित मांग से यह संकेत मिलता है कि वह अपनी शिकायतों को आगे बढ़ाने में ईमानदार नहीं थे और ऐसी शिकायतें बिना किसी आधार और तथ्यों के की गई थीं. बिना किसी आधार और तथ्यों के सरकार और संगठन के उच्च अधिकारियों पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना गैरजिम्मेदारी का गंभीर काम है और आईसीएआर सोसायटी की सामान्य निकाय और शासी निकाय के सदस्य के लिए यह अनुचित है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today