High Protein Food: दूध से सेहत तक, Heritage Foods लॉन्च करेगा हाई-प्रोटीन प्रोडक्ट्स

High Protein Food: दूध से सेहत तक, Heritage Foods लॉन्च करेगा हाई-प्रोटीन प्रोडक्ट्स

Protein Food: Heritage Foods की यह यात्रा सिर्फ एक डेयरी कंपनी से हेल्दी और न्यूट्रिशन-फोकस्ड ब्रांड बनने की है. जैसे-जैसे लोग अपनी सेहत को लेकर सजग हो रहे हैं, वैसे-वैसे कंपनियाँ भी उनके साथ कदम मिला रही हैं.

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दूध से सेहत तक, Heritage Foods लॉन्च करेगा हाई-प्रोटीन प्रोडक्ट्सप्रोटीन फूड (Protein Food)

High Protein Food: दूध और उससे बने उत्पादों के क्षेत्र में जानी-मानी कंपनी Heritage Foods अब एक नए और हेल्दी बाज़ार की ओर कदम बढ़ा रही है और वो है प्रोटीन से भरपूर उत्पादों का मार्केट. कंपनी के सीईओ श्रीदीप एन. केसवन ने जानकारी दी है कि जल्द ही बाजार में प्रोटीन से भरपूर नए प्रोडक्ट्स लॉन्च किए जाएंगे. आइए, इस बदलाव की कहानी को समझते हैं.

दूध से शुरू, अब हेल्दी इंडिया की ओर

हैदराबाद स्थित यह कंपनी अब तक दही, पनीर और फ्लेवर मिल्क जैसे उत्पाद बनाती रही है, जो पहले से ही प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं. लेकिन अब कंपनी की योजना है कि वो इन उत्पादों में अधिक प्रोटीन शामिल करके उन्हें और भी फायदेमंद बनाए.

सीईओ का कहना है, "आज लोग स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं. ऐसे में प्रोटीन की डिमांड लगातार बढ़ रही है. हम इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहते."

400 करोड़ का निवेश

Heritage Foods आने वाले 18 से 24 महीनों में 400 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश (capital expenditure) करने जा रही है. इसमें 200 करोड़ रुपये एक नई आइसक्रीम फैक्ट्री पर खर्च किए जाएंगे. 100-150 करोड़ रुपये अन्य वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स और ऑटोमेशन (स्वचालन) के लिए इस्तेमाल होंगे. यानी कंपनी सिर्फ नए उत्पाद नहीं लाएगी, बल्कि उनकी क्वालिटी और उत्पादन प्रक्रिया को भी हाई-टेक बनाएगी.

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लगातार बढ़ रहा है मुनाफा

कंपनी ने Q4 FY25 में 1,048 करोड़ रुपये की कमाई पर 38 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 950.56 करोड़ रुपये की कमाई और 40.49 करोड़ रुपये का मुनाफा था.

पूरे साल की बात करें तो FY25 में Heritage Foods का नेट प्रॉफिट 188 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के ₹106 करोड़ से काफी ज्यादा है. इससे साफ है कि कंपनी की नींव मजबूत होती जा रही है.

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उपभोक्ता व्यवहार में सकारात्मक बदलाव

श्रीदीप का कहना है कि लोगों का खर्च करने का रुझान अब फिर से बढ़ रहा है. “पिछले कुछ समय में जो अनिश्चितता (जैसे बॉर्डर टेंशन) थी, वह अब पीछे छूट गई है और बाज़ार अब स्थिर और भरोसेमंद दिखाई दे रहा है.

दूध की कीमतें और मौसम का असर

दूध की कीमतों को लेकर भी CEO ने बताया कि दक्षिण भारत में गाय के दूध के दाम दिसंबर से मार्च के बीच बढ़ते हैं, जबकि भैंस के दूध की कीमतें जून-जुलाई में ऊपर जाती हैं. यही वजह है कि कुछ वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स का प्रदर्शन मौसम पर भी निर्भर करता है.

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