Rice Export: गैर-बासमती चावल के एक्‍सपोर्ट पर जल्‍द बड़ा फैसला लेगी सरकार, जानिए बासमती का क्‍या होगा

Rice Export: गैर-बासमती चावल के एक्‍सपोर्ट पर जल्‍द बड़ा फैसला लेगी सरकार, जानिए बासमती का क्‍या होगा

Non Basmati Rice Export: केंद्र सरकार गैर-बासमती चावल के एक्‍सपोर्ट पर जल्‍द बड़ा फैसला ले सकती है. दरअसल, अभी सिर्फ निर्यात होने वाले बासमती चावल के कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर ही रजिस्‍ट्रेशन फीस ली जाती है, लेकिन अब सरकार गैर-बासमती को भी इसके तहत लाने की प्‍लानिंग में है. वहीं, बासमती पर वसूली जा रही फीस पर भी जल्‍द कोई अपडेट आ सकता है.

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गैर-बासमती चावल के एक्‍सपोर्ट पर जल्‍द बड़ा फैसला लेगी सरकार, जानिए बासमती का क्‍या होगाNon Basmati Rice. गैर बासमती चावल पर बड़ा फैसला ले सकती है सरकार (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

बासमती चावल के बाद अब केंद्र सरकार की नजर गैर बासमती चावल के निर्यात के लिए होने वाले कॉन्‍ट्रैक्‍ट के रजिस्‍ट्रेशन पर है. इसके तहत सीमा शुल्क विभाग की ओर से शिपमेंट परमिशन से पहले यह प्रक्रिया लागू करने को लेकर सरकार एपीडा (APEDA) के साथ मिलकर इसे अनिवार्य करने के बारे में सोच-विचार कर रही है. सरकार चावल निर्यात रजिस्‍ट्रेशन के लिए 10-20 रुपये प्रति टन तक फीस वसूल सकती है. सरकार इस रजिस्‍ट्रेशन फीस के तौर पर मिली राशि से विदेशों में भारतीय चावल का प्रचार करेगी.

बासमती एक्‍सपोर्ट की बढ़ सकती है रजिस्‍ट्रेशन फीस

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि सरकार बासमती चावल निर्यात के रजिस्‍ट्रेशन के लिए अभी 30 रुपये प्रति टन की फीस वसूल रही है, लेकिन इसे बढ़ाकर 50 रुपये प्रति टन करने की प्‍लान‍िंग कर रही है. फीस बढ़ाकर सरकार इस धनराश‍ि से अतिरिक्त परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाने और और सीड प्रोसेसिंग सेंटर बनाने का काम करेगी.

पीलीभीत में बनेगा सीड प्रोसेसि‍ंग सेंटर

रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम में बासमती चावल के लिए एक परीक्षण और सीड प्रोसेस‍िंग सेंटर मौजूद है, लेकिन बढ़ी हुई रजिस्‍ट्रेशन फीस से सरकार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक और सीड प्रोसेसिंग सेंटर बनाने में इसका इस्‍तेमाल करेगी. यूपी सरकार सीड प्रोसेसिंग सेंटर के लिए जमीन उपलब्‍ध कराने के लिए तैयार हो गई है. वहीं, केंद्र सरकार हरियाणा के करनाल और पंजाब के अमृतसर में बासमती डीएनए परीक्षण सुविधा के लिए एक-एक केंद्र बनाने की योजना बना रही है. 

बासमती पर 100 रुपये/टन वसूलने की थी तैयारी

बिजनेसलाइन में छपी खबर के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा से पहले उन्‍होंने चावल निर्यातकों के साथ योजनाओं पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर बासमती चावल के निर्यात रजिस्‍ट्रशन पर लगने वाली फीस बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिटन करने का सुझाव दिया, लेकिन कुछ प्रमुख बासमती निर्यातकों ने इसपर आपत्ति जताई, जिसके बाद सरकार शुल्‍क को 50 रुपये प्रति टन करने पर सहमत हो सकती है.

मंजूरी मिलते ही जल्‍द जारी हो सकती है नोटिफिकेशन

केंद्रीय मंत्री ने कुछ प्रतिभागियों की ओर से एजेंसी द्वारा प्रबंधित फंड के इस्‍तेमाल पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद एपीडा के बोर्ड में बासमती और गैर बासमती निर्यातक समुदाय से एक-एक प्रतिनिधि को शामिल करने पर सहमति जताई है. सूत्रों का कहना है कि अभी गैर बासमती चावल के निर्यात कॉन्‍ट्रैक्‍ट के रजिस्‍ट्रेशन का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय मंत्री की ओर से मंजूरी मिलने के बाद इसकी नोटिफि‍केशन जारी करेगा.

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