बीते कुछ समय से महंगाई बढ़ने और दुनियाभर में जारी भूराजनीतिक तनाव के बीच गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. इस साल की शुरुआत में सोने की कीमतों को लेकर अनुमान था कि ये 72 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर तक पहुंच सकती हैं. लेकिन इसके दाम साल के पहले 4 महीनों में ही 75 हजार प्रति दस ग्राम के करीब पहुंच गए. हालांकि इसके बाद इनमें नरमी आई और ये अपने उच्चतम स्तर से नीचे आ गए. सोने की कीमतों में तेजी का ये ट्रेंड इस साल की शुरुआत से ही देखा जा रहा है. इसके बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में सोने की डिमांड में कीमतों की तरह ही लगातार तेजी बनी रही है. दरअसल, भारत में सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है और शादी ब्याह के साथ ही निवेश के लिए भी इसे बेहतरीन विकल्पों में शुमार किया जाता है. ऐसे में भारत में सोने की मांग में जारी तेजी पर वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल रिपोर्ट में कुछ दिलचस्प जानकारियां निकलकर सामने आई हैं.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक जनवरी-मार्च तिमाही में गोल्ड की मांग 8 फीसदी बढ़कर 136.6 टन पर पहुंच गई -बढ़ती डिमांड की वजह से सोने की कीमतों में उछाल आया है और ये 75 हजार के पार पहुंच गई हैं. सोने में आई तेजी को देखते हुए अब अनुमान लगाया जा रहा है कि ये इस साल के आखिर तक सभी अनुमानों को पीछे छोड़कर नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं. अगर इस साल गोल्ड की कीमतों में आए तेजी के ट्रेंड को देखें तो जनवरी-मार्च के दौरान गोल्ड की तिमाही औसत कीमतों में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत में सोने की डिमांड सालाना आधार पर 20 परसेंट बढ़कर 75 हजार 470 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने वैश्विक रिपोर्ट 'Gold Demand Trends Q1 2024' में बताया है कि भारत में गोल्ड की डिमांड में तेजी आई है क्यों यहां पर सोने की ज्वेलरी और गोल्ड इन्वेस्टमेंट दोनों में ही बढ़ोतरी हो रही है. भारत की कुल सोने की मांग इस साल जनवरी-मार्च में बढ़कर 136.6 टन हो गई. जबकि, जनवरी-मार्च 2023 में ये 126.3 टन थी, भारत में ज्वेलरी की मांग 91.9 टन से 4 फीसदी बढ़कर 95.5 टन हो गई है.
इस बार गोल्ड इंवेस्टमेंट यानी क्वाइन वगैरह की मांग 34.4 टन से 19 फीसदी बढ़कर 41.1 टन हो गई. अनुमान है कि इस साल सोने की मांग 700 से 800 टन के बीच रह सकती है. अगर कीमतों में तेजी बनी रही तो ये 700 टन के नजदीक ही रहेगी. पिछले साल भारत में सोने की मांग 747.5 टन दर्ज की गई थी. दुनिया के पूर्वी बाजार यानी भारत और चीन में सोने की मांग में तेजी तब आती है जब यहां पर गोल्ड के दाम में या तो गिरावट आए या फिर उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिले. वहीं, पश्चिमी बाजार सोने की कीमतों के बढ़ जाने पर ही हलचल दिखाई देती है. (आदित्य के राणा)
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