त्यौहारों का मौसम आ गया है और यही वह समय है जब हममें से कई लोग सोना और चांदी जैसी कीमती धातुएं खरीदते हैं. धनतेरस, दिवाली और अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. 24 कैरेट सोने की कीमतें 60,000 रुपये प्रति ग्राम के आसपास होने के कारण सोने के आभूषण खरीदने के नियमों को जानना जरूरी है. क्योंकि, आपकी सोना खरीदारी कई लाख रुपये की हो सकती है. ऐसे में आपको यह पता होना चाहिए कि कितना सोना कैश से खरीद सकते हैं और इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स क्या होते हैं.
सरकार ने रत्न और आभूषण सेक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग नियमों (Prevention of Money Laundering Act) यानी पीएमएलए 2002 के तहत लाकर कैश से सोना खरीदने के नियमों को सख्त बना दिया है. नियमों के अनुसार ज्वैलर्स को पीएमएल अधिनियम के तहत रिपोर्टिंग संस्थाएं बनाया गया है, जिसके लिए उन्हें केवाईसी मानदंडों का पालन करना होगा. इसका मतलब है कि तय सीमा से ऊपर नकद से सोना की खरीदारी के लिए पैन या आधार नंबर जरूरी होगा. जबकि, 10 लाख रुपये का सोना खरीद का नकद भुगतान होने पर जौहरी या कंपनी को सरकार या फिर इनकम टैक्स को रिपोर्ट करना होगा, जिसके बाद इनकम टैक्स ग्राहक के बैंकिंग लेनदेन की छानबीन शुरू कर सकता है और मोटा जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई कर सकता है.
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आयकर कानून तय सीमा से अधिक नकदी में लेनदेन की अनुमति नहीं देते हैं. आयकर अधिनियम की धारा 269ST एक दिन में किसी व्यक्ति से कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाती है.इस प्रकार यदि आप एक ही दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की नकदी में सोने के आभूषण खरीदते हैं, तो आप आयकर कानून का उल्लंघन करेंगे. इस तरह के लेनदेन में नकदी प्राप्त करने वाला आयकर अधिनियम की धारा 271डी के अनुसार जितने की खरीदारी करता है उतना ही जुर्माना भरना पड़ता है.
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उदाहरण से समझिए- मान लीजिए कि कोई व्यक्ति 4 लाख रुपये के सोने के आभूषण कैश भुगतान कर खरीदता है. यह लेनदेन आयकर कानूनों के तहत तय 2 लाख रुपये लिमिट से अधिक है. इसलिए धारा 271D के तहत जुर्माना लागू होगा. जुर्माने की राशि नकद लेनदेन की राशि के बराबर होगी. इसका मतलब है कि यदि 4 लाख रुपये के कैश से सोना खरीदा गया है तो विक्रेता जौहरी 4 लाख रुपये का जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी होगा.इसलिए ज्वैलर्स 2 लाख रुपये से अधिक कैश लेनदेन के लिए तैयार नहीं होते हैं.
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ET की रिपोर्ट के अनुसार 1962 के आयकर नियमों की धारा 114बी के तहत 2 लाख रुपये और उससे अधिक मूल्य का सोने खरीद के लिए पैन और आधार डिटेल्स पेश करना अनिवार्य है. भुगतान चाहे कैश किया गया है या डिजिटल रूप से किया गया हो. एक्सपर्ट बताते हैं कि 2 लाख रुपये से अधिक के सभी लेनदेन के मामले में पैन और आधार अनिवार्य है. वहीं, कुछ ज्वैलरी कंपनियों और जौहरियों के पास खरीदार की पहचान स्थापित करने के लिए अपने स्वयं के आंतरिक अतिरिक्त प्रोटोकॉल हैं.
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