सस्ता होगा फोर्टिफाइड चावल, सरकार के एक फैसले से मिलर्स के साथ कंज्यूमर को मिलेगी खुशी 

सस्ता होगा फोर्टिफाइड चावल, सरकार के एक फैसले से मिलर्स के साथ कंज्यूमर को मिलेगी खुशी 

केंद्र ने फोर्टीफाइड चावल पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी दर को घटा दिया है. जीएसटी कटौती की मांग मिलर्स लंबे समय से कर रहे थे. इस चावल की कीमत में गिरावट देखने की उम्मीद जताई जा रही है.

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सस्ता होगा फोर्टिफाइड चावल, सरकार के एक फैसले से मिलर्स के साथ कंज्यूमर को मिलेगी खुशी फोर्टिफाइड चावल के दाम बाजार में सस्ता हो सकता है.

अतिरिक्त न्यूट्रीशन वैल्यू वाले फोर्टीफाइड चावल सस्ता होने की उम्मीद पर मुहर लग गई है. दरअसल, केंद्र ने इस चावल पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया है. जीएसटी कटौती की मांग मिलर्स लंबे समय से कर रहे थे. अब इस पर मुहर लगने के साथ ही मिलर्स को राहत मिलने वाली है तो कंज्यूमर्स को पहले की तुलना में सस्ता चावल मिलने का रास्ता साफ हो गया है. 

हाल में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में फोर्टीफाइड चावल की 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला लिया है. 8 फीसदी जीएसटी में कटौती की मांग लंबे समय से मिलर्स कर रहे थे. इस कटौती की मांग पर केंद्र ने अब मुहर लगा दी है. इससे मिलर्स को मार्जिन में काफी फायदा होने वाला है और अनुमान है कि इससे इस चावल की बाजार कीमत में गिरावट देखने को मिल सकती है. 

जीएसटी परिषद द्वारा फोर्टिफाइड चावल की गुठली (एफआरके) पर कर की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने पर हरियाणा के चावल मिलर्स ने राहत और आभार जताया है. इस निर्णय से मिलर्स की एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया है. बता दें कि मिलर्स ने हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को चिट्ठी लिखकर मामले को उठाया था. 

करनाल राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से कहा कि जीएसटी में इस छूट के लिए हम केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आभारी हैं. कहा गया कि पहले 18 प्रतिशत की जीएसटी दर ने वित्तीय बाधाएं बढ़ा रखी थीं, क्योंकि मिलर्स को 5,000 रुपये प्रति क्विंटल और 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ फोर्टिफाइड चावल (एफआरके) खरीदना पड़ता था. इसके उलट सरकार केवल 5 फीसदी जीएसटी की प्रतिपूर्ति करती थी. 

कस्टम मिल्ड चावल की डिलीवरी तेज होगी 

एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि इस असमानता ने कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) की डिलीवरी को रोक दिया था. क्योंकि मिलर्स को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को आपूर्ति करने वाले चावल में 1 फीसदी एफआरके मिलाना जरूरी है. जीएसटी दर 5 फीसदी तक कम होने के बाद मिलर्स सीएमआर डिलीवरी फिर से शुरू कर देंगे. उन्होंने एफसीआई से चावल मिलों के करीब गोदाम आवंटित करने का भी आग्रह किया ताकि डिलीवरी आसान हो सके. 

फोर्टिफाइड चावल के दाम में गिरावट का अनुमान 

हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन ने इसे इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण जीत बताया. कहा गया कि सरकार के फैसले से मिलर्स पर वित्तीय बोझ घटेगा, जिसका असर इस चावल की कीमत पर गिरावट के रूप में देखने को मिल सकता है. उम्मीद जताई गई है कि सीएमआर राइस की डिलीवरी बढ़ने से फोर्टिफाइड चावल के दाम बाजार में सस्ता हो सकता है. 

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