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Kisan Politics: किसानों के मुद्दे पर बैकफुट में BJP 'सरकार'..! क्‍या कुछ बड़ा होने वाला है?

Kisan Politics: किसानों के मुद्दे पर बैकफुट में BJP 'सरकार'..! क्‍या कुछ बड़ा होने वाला है?

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA को सरकार बनाने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत मिला है. हालांकि बीजेपी को नुकसान हुआ. इसके बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार समेत राज्‍यों की बीजेपी सरकारें किसानों के मुद्दों पर बैकफुट पर नजर आ रही है.

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लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बैकफुट पर बीजेपी सरकार लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बैकफुट पर बीजेपी सरकार

लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सबको खुश करने वाला रहा है. कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडी गठबंधन को चुनाव परिणाम में बढ़त मिली है तो वहीं बीजेपी की अगुवाई वाले NDA को सरकार बनाने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत मिला है. हालांकि बीजेपी को नुकसान हुआ. मसलन, पिछले दो चुनाव में सरकार बनाने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत प्राप्‍त करने वाली बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव सिर्फ 240 सीटें ही मिली, जो बहुमत से कम हैं. हालांकि बीजेपी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सरकार बना ली है.

इसी कड़ी में बीते रोज नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपनी कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है, इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने हारी हुई सीटों की समीक्षा करना शुरू कर दिया है.

इसी कड़ी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार समेत राज्‍यों की बीजेपी सरकारें किसानों के मुद्दों पर बैकफुट पर नजर आ रही है. आइए समझते हैं कि आखिर क्‍यों कहा जा रहा है कि बीजेपी को कम सीटें मिलने के पीछे किसान फैक्‍टर की भूमिका अहम रही है. साथ ही जानेंगे कि आखिर किस वजह से कहा जा रहा है कि बीजेपी किसानों के मुद्दों पर बैकफुट पर नजर आ रही है. 

बीजेपी की हार-जीत और किसान फैक्‍टर 

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं. इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 303 सीटें मिली थी, इस लोकसभा चुनाव में अकेले बीजेपी के खाते में 63 सीटें कम आई हैं. बेशक चुनाव में हार-जीत के लिए कई फैक्‍टर जिम्‍मेदार होते हैं, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान में किसान फैक्‍टर की भूमिका अहम रही है. महाराष्‍ट्र में बीजेपी को पिछले चुनाव में कुल 23 सीटें मिली थी, लेकिन इस चुनाव में सिर्फ 9 सीटें मिली हैं. इसी तरह राजस्‍थान में 2019 के चुनाव में 25 में से 25 सीटें जीतने में सफल रही बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव 14 सीटों पर जीत के साथ संतोष करना पड़ा है.वहीं 2019 चुनाव में हरियाणा की 10 में 10 सीट पर विजय पताका पहरा चुकी बीजेपी को इस चुनाव 5 सीटों पर जीत मिली है. इसी तरह यूपी में बीते चुनाव 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस चुनाव 33 सीटों पर ही जीत मिली है. ये सभी वह राज्‍य हैं, जहां किसान मुद्दे और राजनीति प्रभावी है. माना जा रहा है कि इन राज्‍यों में प्‍याज एक्‍सपोर्ट बैन, गन्‍ना मूल्‍य में बढ़ोतरी और बकाया, सरसों की MSP और किसान आंदोलन के प्रभाव ने चुनाव नतीजों को बदला. 

शिवराज सिंह की ताजपोशी क्‍या डैमेज कंंट्रोल है!

मोदी कैबिनेट ने आकार ले लिया है, जिसमें मध्‍य प्रदेश में 4 बार मुख्‍यमंत्री रहे शिवराज सिंंह चौहान को कृषि मंंत्रालय की कमान दी गई है. एक्‍सपर्ट इसे डैमेज कंट्रोल की कवायद मान रहे हैं. असल में शिवराज सिंंह खुद ग्रामीण और किसान पृष्‍ठभूमि के नेता हैं. मध्‍य प्रदेश में मुख्‍यमंत्री रहते हुए उन्‍होंने किसानों के लिए कई काम किए हैं, जिसमें भावांतर योजना समेत कई कामों ने देशभर का ध्‍यान खींचा. हालांकि मंदसौर किसान आंदोलन भी उनके ही कार्यकाल में हुआ, लेकिन एमपी को 4 कृषि कर्मण पुरस्‍कार भी उनके ही कार्यकाल में मिले. माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान की बतौर कृृषि मंत्री ताजपोशी किसानों के मुद्दों पर बीजेपी को हुए डैमेज कंट्रोल की कवायद है. इसी कड़ी में पार्टी और प्रशासन में एक अनुभवी नेता काे कृषि मंंत्री की कमान दी गई है.

महाराष्‍ट्र में देवेंद्र फडणवीस स्‍वीकार चुके हैं गलती

लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को जारी हुए. उसके दूसरे दिन ही महाराष्‍ट्र में बीजेपी का प्रमुख चेहरा और उपमुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों के मुद्दों पर बैकफुट पर नजर आए. उन्‍होंने प्रेस क्रांफ्रेस में दबी जुबान स्‍वीकार किया कि प्‍याज एक्‍सपोर्ट पर बैन और कपास, सोयाबीन पर किसानों को हुआ नुकसान बीजेपी को चुनाव में हुए नुकसान की एक वजह रहा है. हालांकि उन्‍होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी इन मामलों पर विमर्श करेंगी. देवेंद्र फडणवीस की तरफ स्‍वीकारी गई गलती महाराष्‍ट्र में किसानों को हुए नुकसान की भरपाई तो नहीं कर सकती है, लेकिन ये स्‍पष्‍ट है कि महाराष्‍ट्र में बीजेपी किसानों के मुद्दों पर बैकफुट पर है. 

राजस्‍थान में किसानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश

महाराष्‍ट्र के साथ ही राजस्‍थान में भी बीजेपी को नुकसान हुआ है, जिसमें किसानों की भूमिका अहम रही है, जिसे बीजेपी के रणनीतिकारों ने महसूस किया है. इसी कड़ी में राजस्‍थान में बीजेपी सरकार किसानों के मुद्दे पर बैकफुट पर नजर आ रही है, जिसके तहत 8 जून को राजस्‍थान की भजनलाल शर्मा ने किसानों के मुद्दे पर एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें उन्‍होंने पीएम किसान सम्‍मान निधि की राशि 8 हजार रुपये करने की घोषणा की है. दो हजार रुपये राजस्‍थान सरकार की तरफ से दिए जाएंगे, इससे 56 लाख किसानाें को फायदा होने की उम्‍मीद है. बेशक, भजनलाल सरकार का ये फैसला सरसों, बाजारा किसानों को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है, लेकिन किसानों के मामले में राजस्‍थान की बीजेपी सरकार के बैकफुट पर दिखाता है.

गन्‍ने पर गंभीर हुए योगी 

यूपी में भी बीजेपी को नुकसान हुआ है. इसके बाद यूपी की योगी आदित्‍यानाथ सरकार भी एक्‍टिव हो गई. जिसके बाद वह किसानों के मुद्दे पर बैकफुट पर नजर आ रही है. इसी कड़ी में चुनाव नतीजों के बाद यूपी की योगी आदित्‍यानाथ ने गन्‍ने मिलों के पेंच कसे हैं, जिसके तहत उन्‍होंने गन्‍ना किसानों काे समय पर बकाया भुगतान करने को कहा है. हालांकि योगी आदित्‍यानाथ के कार्यकाल में गन्‍ना बकाया भुगतान की व्‍यवस्‍था बहुत सुधरी है, लेकिन वेस्‍टर्न यूपी की कुछ चीनी मिलों में बकाया होने और पंंजाब, हरियाणा की तुलना में यूपी में गन्‍ने के दाम कम होने की वजह से चुनाव में बीजेपी को गन्‍ना बेल्‍ट में नुकसान होने की आशंका है. इसी वजह से यूपी सरकार गन्‍ना किसानों के मामले में गंभीर है. 

पीएम किसान, पीएम मोदी का साइन और मैसेज

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुए नुकसान में किसान फैक्‍टर की भूमिका अहम रही है. ऐसे में अब किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार भी मैसेज देने के मूड में दिखाई दे रही है. इसी कड़ी में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम पद संभालते हुए पीएम किसान सम्‍मान निधि की 17वीं किस्‍त की फाइल पर साइन करते हुए एक किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता पर रखने का मैसेज दिया है. असल में पीएम मोदी ने चुनाव से पहले ही कहा था कि उनके लिए सिर्फ युवा, महिला, गरीब और किसान ही जाति हैं. ऐसे में तीसरा कार्यकाल संंभालने से पहले पीएम किसानों की फाइल पर साइन कर पीएम मोदी ने अपनी प्राथमिकता को जनता के सामने दोहराया है. चुनाव में मिले झटके के बाद ऐसा माना जा रहा है कि उनके इस कार्यकाल में किसानों के लिए बहुत कुछ होगा.