भारत ने देसी पशुओं के संरक्षण के लिए उनकी नस्लों के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया है. इसके तहत गायों का भी रजिस्ट्रेशन हो रहा है. आईसीएआर के अधीन आने वाला राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो पशुओं की नस्लों का रजिस्ट्रेशन करने का काम कर रहा है. ब्यूरों ने गाय, भैंस, सुअर और बकरियों की नस्लों को सबसे पहले रजिस्टर्ड किया है. इसी साल फरवरी में पशुओं की देसी नस्लों को पहचानकर कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र को और समृद्ध बनाने की कोशिश शुरू की गई थी. इसके लिए नस्ल पंजीकरण प्रमाण-पत्र वितरण समारोह भी आयोजित किया गया था. हमारा देश पशु जैव विविधता से समृद्ध है और लोग सदियों से अलग-अलग प्रकार की प्रजातियों का पालन कर रहे हैं. अब इन्हें सरकारी दस्तावेजों में दर्ज किया जा रहा है.
रजिस्टर्ड नस्लों में कथानी गाय (महाराष्ट्र), सांचोरी गाय (राजस्थान) और मासीलम गाय (मेघालय), पूर्णनाथी भैंस (महाराष्ट्र), सोजत बकरी (राजस्थान), करौली बकरी (राजस्थान), गुजरी बकरी (राजस्थान), बांदा सुअर (झारखंड), मणिपुरी काला सुअर (मणिपुर) और वाक चंबिल सुअर (मेघालय) शामिल हैं. ब्यूरो द्वारा इन नस्लों को उनकी रजिस्ट्रेशन संख्या भी सौंपी गई है. इससे पहले, नस्ल पंजीकरण समिति (बीआरसी) ने 31 अगस्त, 2022 को हुई अपनी 10वीं बैठक में विभिन्न राज्यों के इन पशुधन नस्लों के रजिस्ट्रेशन की मंजूरी दी थी.
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जिन नस्लों का रजिस्ट्रेशन किया गया है उनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे भोजन, फाइबर, परिवहन, खाद और कृषि आदि के लिए किया जाता रहा है. अतीत में हमारे किसानों ने इन प्रजातियों की कई विशिष्ट नस्लें विकसित की हैं, जो उस जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हैं. इसलिए वो खास हैं.
ब्यूरो ने 212 देसी नस्लों का रजिस्ट्रेशन किया है. जिसमें गोवंश के लिए 53, भैंस के लिए 20, बकरी के लिए 37, भेड़ के लिए 44, घोड़ों और टट्टू के लिए 7, ऊंट के लिए 9, सुअर के लिए 13, गधे के लिए 3, कुत्ते के लिए 3, याक के लिए 1, चिकन के लिए 19, बत्तख के लिए 19 और हंस के लिए 3 शामिल हैं. सारी दुनिया इस समय भारत की पशुधन विविधता की ओर देख रही है. ऐसे में देश में पशु आनुवंशिक संसाधनों के दस्तावेजीकरण व उनकी आनुवंशिक विविधता को बचाने के लिए उनका रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत है.
अमृतमहल कर्नाटक
बच्चौर बिहार
बरगुर तमिलनाडू
डांगी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
दयोनी महाराष्ट्र और कर्नाटक
गयलाव महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
गिर गुजरात
हल्लीकर कर्नाटक
हरिआना हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान
कंगायम तमिलनाडू
कांकरेज गुजरात और राजस्थान
केंकथा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
खेरिगढ़ उत्तर प्रदेश
खिल्लार महाराष्ट्र और कर्नाटक
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