भारत सरकार क्वालिटी को बेहतर करने और बाजार मूल्य बढ़ाने के लिए 50 लाख टन एफसीआई स्टॉक से टूटे हुए चावल को अलग करने की योजना बना रही है. चार राज्यों में सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद, यह पहल इथेनॉल प्रोडेक्शन को भी बढ़ावा देगी. 10 फीसदी हाई क्वालिटी वाले टूचावल की नीलामी की जाएगी, जबकि लागत कम करने के लिए 100 फीसदी टूटे हुए चावल की सीधे डिस्टिलरी को सप्लाई की जाएगी. माना जा रहा है कि इससे नीलामी के दौरान अनाज की ओवरऑल क्वालिटी गुणवत्ता और बाजार मूल्य में इजाफा होगा.
2024 में, FCI ने पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की चुनिंदा चावल मिलों को कस्टम मिल्ड राइस (CMR) योजना के तहत संसाधित 10,000 टन चावल के बैच से 15 फीसदी टूटे हुए चावल को अलग करने के एक नए सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया. इस पहल का मकसद केंद्रीय पूल के लिए खरीदे जाने वाले चावल में आमतौर पर टूटे हुए अनाज के प्रतिशत को करीब 25 फीसदी तक कम करना था.
इस साल इथेनॉल उत्पादन के लिए 52 लाख टन चावल आवंटित किए जाने के साथ, सरकार यह सुनिश्चित करने की योजना बना रही है कि इस पूरी मात्रा में 100 फीसदी अनाज टूटा हुआ न हो. अधिकारियों की मानें तो नए मॉडल के तहत, मिलें थोक चावल से 15 प्रतिशत टूटे हुए चावल को अलग करेंगी. इससे बाकी चावल में सिर्फ 10 प्रतिशत तक टूटे हुए चावल बचेंगे. टूटे चावल की खुले बाजार में काफी मांग रहती है.
अगर किसी चावल मिल को सीएमआर योजना के तहत 100 क्विंटल चावल की सप्लाई करनी है, तो अब वह एक खेप में 85 क्विंटल हाई क्वालिटी वाला चावल (जिसमें 10 प्रतिशत टूटा हुआ दाना हो) और दूसरी खेप में 15 क्विंटल पूरी तरह टूटा हुआ चावल प्रदान करेगी. इस तरीके से न सिर्फ केंद्रीय पूल में जाने वाले चावल की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि टूटे हुए चावल के लिए एक खास सप्लाई सिस्टम के तहत टूटे हुए चावल का प्रयोग इथेनॉल उत्पादन में किया जा सकता है.
औसत से ज्यादा मॉनसूनी बारिश के पूर्वानुमानों ने एक और बंपर फसल की उम्मीदों को और बढ़ा दिया है. इसके बाद यह चिंता बढ़ गई है कि अतिरिक्त अनाज खुले भंडारण स्थलों में सड़ सकता है. एफसीआई के अनुसार, जून में सरकार के चावल भंडार का कुल भंडार लगभग 38 मिलियन टन था. आंकड़ों की मानें तो इसमें 32 मिलियन टन से अधिक अप्रसंस्कृत अनाज भी था, जो लगभग 22 मिलियन टन चावल के बराबर है. देश में चलाई जा रही कई वेलफेयर स्कीम्स के लिए के लिए गेहूं और चावल का भंडार रखा जाता है. इसमें करीब 800 मिलियन लोगों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज शामिल है.
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