पर्यावरण और भविष्य के लिए उठी युवाओं की आवाज़अरावली पर्वतमाला केवल पहाड़ नहीं हैं. यह पूरे उत्तर भारत की जीवनरेखा है. अरावली की वजह से आसपास का इलाका हरियाली से भरा रहता है, नदियां और झरने बहते हैं और जमीन में पानी जमा रहता है. अगर इन पहाड़ियों को नष्ट कर दिया गया, तो न सिर्फ पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि किसानों की खेती भी बंजर हो जाएगी. पानी की कमी, गर्मी और सूखे जैसी समस्याएं बढ़ेंगी. इसलिए अरावली की सुरक्षा हर किसी के लिए जरूरी है.
अलवर जिले के रामगढ़ राजकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अरावली बचाने के लिए एक रैली निकाली. यह रैली कॉलेज से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों से होकर एसडीएम कार्यालय तक गई. छात्रों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए थे और “अरावली बचाओ, देश बचाओ”, “खनन बंद करो” और “पर्यावरण बचाओ, भविष्य बचाओ” जैसे नारे लगाए. रैली में बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे. उनके जोश और आक्रोश ने पूरे क्षेत्र को आंदोलनमय बना दिया.
छात्रों ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पर्वतमाला की 100 मीटर नीचे की पहाड़ियों को खत्म करने का आदेश दिया है. यह आदेश बेहद चिंताजनक है. लगातार हो रहे खनन और पहाड़ियों को काटने की वजह से अरावली का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. अगर यही हाल रहा, तो जलस्तर तेजी से गिर जाएगा, पर्यावरणीय आपदाएं बढ़ेंगी और किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे.
छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जीवनरेखा हैं. इस ज्ञापन में उन्होंने यह भी लिखा कि अगर खनन नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में क्षेत्र में बड़े स्तर की पर्यावरणीय समस्याएं होंगी. लखन सपेरा, मनीष मेघवाल, सोनू, जितेंद्र, मयंक, निखिल महावर, संजना, पूजा, कोमल और मुस्कान सहित कई छात्रों ने इस रैली में हिस्सा लिया.
इस रैली ने साफ कर दिया कि अब युवा पर्यावरण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. उनका कहना है कि अरावली को बचाना जरूरी है, तभी देश और हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा. छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर खनन जारी रहा, तो आंदोलन और तेज होगा. यह आंदोलन केवल अरावली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के पर्यावरण की रक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है.
अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा सिर्फ पहाड़ों की सुरक्षा नहीं है. यह पानी, खेती, पर्यावरण और हमारे भविष्य की सुरक्षा भी है. रामगढ़ के छात्र-छात्राओं का यह प्रयास यह दिखाता है कि युवा पर्यावरण की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहते हैं. उनकी यह पहल देशभर में अन्य युवाओं को भी प्रेरित करेगी. अरावली को बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है.
ये भी पढ़ें:
Explained: KCC और फसल बीमा के सूत्रधार अटल, जो जानते थे किसान का दर्द और हर मर्ज का हल
Crop Compensation: इस राज्य में 3.6 लाख किसानों को मिलेगा फसल मुआवजा, कृषि मंत्री ने कही ये बात
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today