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Vande Sleeper Trains: जल्द पटरियों पर रफ्तार भरेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, अगले दो महीनों में ट्रायल शुरू होगा 

Vande Sleeper Trains: जल्द पटरियों पर रफ्तार भरेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, अगले दो महीनों में ट्रायल शुरू होगा 

वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही वंदे भारत ट्रेनों में केवल कुर्सी वाली सीटें हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल दिन के समय के रूट तक ही सीमित है. स्लीपर वैरिएंट लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अधिक आरामदेह होंगे.

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इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है.

वंदे भारत की तर्ज पर वंदे स्लीपर ट्रेन चलाने की तैयारियों पर बड़ा अपडेट आया है. कहा जा रहा है कि भारतीय रेलवे अगले 2 महीनों में वंदे स्लीपर ट्रेनों का ट्रायल शुरू करने जा रही है. हालांकि, ट्रायल पूरा होने में 6 महीने का वक्त लग सकता है. वर्तमान में वंदे भारत ट्रेन चल रही है, जिसमें बैठने की सुविधा है. लेकिन लंबे रूट पर चलाने के लिए स्लीपर होना जरूरी है, ताकि यात्रियों को सोने का मौका मिल सके. इसी कमी को दूर करने के लिए वंदे स्लीपर ट्रेन का संचालन शुरू करने की तैयारी जोर शोर से चल रही है. 

भारतीय रेलवे को उम्मीद है कि आने वाले दो महीनों में वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर वैरिएंट ट्रेनों का ट्रायल शुरू हो जाएगा. नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन ट्रेनों के ट्रायल को पूरा होने में छह महीने और लगेंगे. उन्होंने कहा कि वंदे स्लीपर की साज-सज्जा का काम अंतिम चरण में चल रहा है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है. 

160KM की रफ्तार से दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर 

वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही वंदे भारत ट्रेनों में केवल कुर्सी वाली सीटें हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल दिन के समय के रूट तक ही सीमित है, जिन्हें कुछ घंटों में पूरा किया जा सकता है. स्लीपर वैरिएंट लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अधिक आरामदेह होंगे. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की रफ्तार 160 किमो प्रतिघंटा की रहेगी. इसमें कुल 16-20 कोच रहेंगे. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को हाई स्पीड ट्रेन के तौर पर तैयार किया गया है जो लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई है. 

अमृत भारत ट्रेनों का ट्रायल सफल

केंद्रीय रेलमंत्री ने कहा कि अमृत भारत ट्रेनों का ट्रायल सफल रहा है और जल्द ही इनका प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है. ट्रेन यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ट्रेनों में पुश-पुल तकनीक शुरू की गई है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के बाद अब अमृत भारत ट्रेन में भी यह तकनीक उपलब्ध होगी. पुश-पुल तकनीक वाली ट्रेनों में एक के बजाय दो इंजन होते हैं, जो कोचों के एक सेट को खींचते हैं. इन पुश पुल ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया जा रहा है. इस ट्रेन की रफ़्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. अमृत भारत 22 डिब्बों वाली एक गैर-एसी ट्रेन होगी. 

3 महीने में 4 करोड़ यात्रियों को गंतव्य तक ले गई रेलवे 

रिपोर्ट के अनुसार रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई ट्रेनों के अलावा अप्रैल, मई और जून 2024 के दौरान गर्मियों की भीड़ को देखते हुए 19,837 विशेष ट्रेनें चलाई गईं. आधिकारिक अनुमानों के अनुसार इन महीनों के दौरान राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर भारतीय रेलवे ने 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है. भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे प्रतिदिन 10 मिलियन से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और उनमें से अधिकांश कमजोर वर्ग या निम्न आय वर्ग से आते हैं.

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