roasted-chickpeas भुना चना जिसे सेहत के लिए हेल्दी माना जाता है, अब उसमें भी मिलावट की बात सामने आने लगी है. कहा जा रहा है कि इसमें एक खतरनाक डाई का प्रयोग हो रहा है. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को इस बारे में आगाह किया है.उन्होंने इसके एक गंभीर पब्लिक हेल्थ के खतरे के बारे में उन्हें बताने के लिए एक चिट्ठी लिखी है. प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया है कि देशभर में बेचे जाने वाले भुने हुए चने में रंग चमकाने के लिए औरामाइन नाम का खतरनाक कार्सिनोजेनिक डाई मिलाया जा रहा है, जो लोगों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है.
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ उसने एक बार फिर खाने में मिलावट के डर को सामने ला दिया है. इस बार यह रोजाना के एक पॉपुलर स्नैक, रोस्टेड चना से जुड़ा है. इस क्लिप को कंटेंट क्रिएटर @experimentalbhaiya ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है और अब तक इसे 20 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ बेचने वाले गैर-कानूनी तरीके से चने में एक इंडस्ट्रियल पीली डाई मिला रहे हैं ताकि वह ज्यादा चमकदार, क्रिस्पी और ज्यादा अच्छा दिखे. इस मुद्दे ने तब से कंज्यूमर्स, फूड सेफ्टी एडवोकेट्स और सरकारी अधिकारियों के बीच बड़ी चिंता पैदा कर दी है. इससे रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ों को बेहतर दिखाने के लिए खतरनाक केमिकल्स के इस्तेमाल का एक चिंताजनक पैटर्न सामने आया है.
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का ध्यान भी इस वीडियो की तरफ गया. उन्होंने 24 नवंबर को शेयर की गई एक एक्स पोस्ट में इन दावों को 'बहुत परेशान करने वाला' बताया. उन्होंने लिखा कि खाने की चीजों में कैंसर पैदा करने वाली इंडस्ट्रियल डाई का इस्तेमाल न सिर्फ खाने की सुरक्षा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि यह रेगुलेटरी निगरानी की नाकामी भी है. उनका कहना है कि औरामाइन असल में कपड़ा और चमड़े की इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला इंडस्ट्रियल केमिकल डाई है. इसे खाने में मिलाना पूरी तरह गैरकानूनी है. इसके बावजूद कई जगह इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत इस डाई का प्रयोग पूरी तरह से बैन है.
I have written to the Health Minister as well as Food Processing Minister regarding the extremely distressing evidence based report that shows that Auramine, an industrial dye used for textiles and leather, is being illegally added to roasted chana besides other food products to… pic.twitter.com/cxQgMwLJn6
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) November 24, 2025
डब्ल्यूएचओ की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने इसे कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ माना है. यह डाई लिवर, किडनी और ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है और शरीर के नर्वस सिस्टम पर भी बुरा असर डालता है. प्रियंका ने इसके साथ ही FSSAI की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि बाजार में निगरानी बेहद कमजोर है, खाद्य पदार्थों की नियमित जांच पर्याप्त तरीके से नहीं होती, सार्वजनिक चेतावनियां देर से जारी होती हैं और नियमों का पालन कराने की प्रक्रिया भी ढीली पड़ी हुई है. इन खामियों की वजह से ऐसी खतरनाक प्रथाएं बिना पकड़े चलती रहती हैं और लोगों की सेहत खतरे में पड़ जाती है.
प्रियंका ने अपनी चिट्ठी में मांग की है कि देशव्यापी हेल्थ अलर्ट जारी किया जाए ताकि लोग इस मिलावट के बारे में जागरूक हों. देशभर में भुने चने और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थों की टेस्टिंग करवाई जाए. नियम तोड़ने वालों के लिए इंस्पेक्शन, लैब टेस्टिंग, लाइसेंस कैंसलेशन, फाइन और जेल समेत सख्ती से कदम लागू किया जाए. राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट को पैरेलल टेस्टिंग और इसे लागू करने के निर्देश दिए जाएं. इस उल्लंघन को बढ़ावा देने वाली सिस्टम की कमियों की पहचान करने के लिए एफएसएसएआई प्रोटोकॉल का इंटरनल ऑडिट किया जाए. प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि कि खाने में कैंसर को पैदा करने वाले रसायन डालना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने लिखा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की सेहत की सुरक्षा सुनिश्चित करे और लोगों के बीच भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा पर भरोसा बहाल करे.
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