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सोयाबीन के खरपतवार के लिए रामबाण हैं ये दो दवाएं, छिड़काव की सही मात्रा भी जानें

सोयाबीन के खरपतवार के लिए रामबाण हैं ये दो दवाएं, छिड़काव की सही मात्रा भी जानें

सोयाबीन की फसल में उगने वाले खरपतवार फसल के पोषक तत्वों और पानी का उपयोग कर उसकी वृद्धि को प्रभावित करते हैं, जिससे प्रति एकड़ उत्पादन कम हो जाता है. सोयाबीन में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए आपके लिए कारगर दवाइयों का उपयोग और उनकी उचित मात्रा जानना जरूरी है.

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सोयाबीन की फसलों में खरपतवार का खतरा सोयाबीन की फसलों में खरपतवार का खतरा

सोयाबीन की खेती में खरपतवारों को नियंत्रित करना किसानों के लिए एक चुनौती वाला काम है. किसान सोयाबीन की फसल में खरपतवारों को खत्म करने के लिए कई प्रकार की खरपतवारनाशक दवाइयां खरीद कर लाते हैं और उनका छिड़काव करते हैं. लेकिन फिर भी सभी प्रकार के खरपतवारों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाता है. सोयाबीन की फसल में उगने वाले खरपतवार फसल के पोषक तत्वों और पानी का उपयोग कर उसकी वृद्धि को प्रभावित करते हैं, जिससे प्रति एकड़ उत्पादन कम हो जाता है. सोयाबीन में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए आपके लिए कारगर दवाइयों का उपयोग और उनकी उचित मात्रा जानना जरूरी है. तो आइए जानते हैं किन दवाओं का छिड़काव कर आप खरपतवार को बढ़ने से रोक सकते हैं और क्या होनी चाहिए सही मात्रा.

इन दवाओं का करें इस्तेमाल

खड़ी सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए इमाजाथियापार 10 ई.सी. या क्यूरोलोफॉस 5 ई.सी. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें. इस समय सोयाबीन में पीला मोजैक रोग तेजी से फैल रहा है. किसान रोगग्रस्त पौधों को उखाड़कर इमिडाक्लोप्रिड 250 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें.

सोयाबीन फसल के लिए सलाह

  • खरपतवार नियंत्रण के लिए इमेजाथायापर 10 ई.सी. या क्यूलोफोस 5 ई.सी. प्रति हेक्टेयर छिड़कें.
  • पीला मोजैक रोग से प्रभावित पौधों को उखाड़ें और इमिडाक्लोप्रिड 250 मि.ली. का छिड़काव करें.
  • फसल की सुरक्षा और बेहतर उत्पादन के लिए इन उपायों को अपनाएं.

ये भी पढ़ें: सोयाबीन में कीटों और रोगों का खतरा, फसल को नुकसान से बचाने के लिए ये करें उपाय

इन सावधानियों का रखें ध्यान

  • प्रत्येक खरपतवारनाशक रसायन के डिब्बे पर लिखे निर्देशों और उसके साथ दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसमें दी गई विधियों का उचित रूप से पालन करें.
  • खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव सही समय पर करें. यदि छिड़काव समय से पहले या बाद में किया जाए तो लाभ की जगह हानि होने की संभावना रहती है.
  • खरपतवारनाशकों का छिड़काव पूरे खेत में समान रूप से किया जाना चाहिए.
  • जब तेज हवाएं चल रही हों तो खरपतवारनाशक का छिड़काव नहीं करना चाहिए. मौसम जब साफ रहे तभी छिड़काव करने की सलाह दी जाती है.
  • छिड़काव करते समय विशेष कपड़े, हाथों में पहनने वाले ग्लव्स और चश्मे आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि रसायन शरीर पर न पड़े.
  • छिड़काव का काम समाप्त होने के बाद हाथ और चेहरे को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए और नहाना भी बेहतर होगा.
  • खरपतवारनाशक दवा प्रमाणित स्थान से ही खरीदें और रसीद भी जरूर लें ताकि मिलावटी दवा मिलने की संभावना न रहे.