मध्य प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन (सांकेतिक तस्वीर)मध्यप्रदेश में सोमवार को एक अजीब नजारा देखने को मिला. यहां पर मुख्यमंत्री मोहन यादव खजुराहो में कई विभागों के कामों की समीक्षा के लिए मीटिंग कर रहे थे. जिस समय उनकी मीटिंग चल रही थी, उसी दौरान किसानों ने जिले के कई थाना क्षेत्रों में खाद की किल्लत को लेकर प्रदर्शन और चक्का जाम किया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि किसानों का गुस्सा बढ़ता देखकर प्रशासन को कुछ थानों में ही खाद के लिए टोकन डिस्ट्रीब्यूशन की व्यवस्था करनी पड़ गई.
मुख्यमंत्री यादव मीटिंग के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता, मध्यम एवं लघु उद्योग, राजस्व, औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कामों का जायजा ले रहे थे. सीएम जब यह मीटिंग कर रहे थे तब वहां से कुछ ही दूरी पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में किसानों ने खाद की किल्लत को लेकर प्रदर्शन और चक्का जाम किया.
किसानों के समूहों ने बमीठा थाना क्षेत्र, हरपालपुर थाना क्षेत्र और बड़ा मलहरा थाना क्षेत्र सहित कुछ और इलाकों में खाद को लेकर प्रदर्शन किया. बड़ा मलहरा के किसान नेता रामकृपाल शर्मा ने बताया की यहां दोपहर बाद थाने के ठीक सामने किसानों ने चक्का जाम किया जो आधे घंटे से अधिक देर तक जारी रहा. उन्होंने कहा कि किसानों को खाद न मिलने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है.
उन्होंने कहा, 'समिति में खाद नहीं मिलती, जिसके कारण किसान मंडियों से खाद ले रहे हैं. वितरण व्यवस्था सही ढंग से संचालित ना होने के कारण यह सारी समस्याएं हो रही हैं. इस बारे में प्रशासन को कई बार बताया भी गया है पर कोई सुनने को तैयार नहीं है.' खजुराहो के निकट बमीठा थाना क्षेत्र में भी खाद संकट को लेकर किसानों का प्रदर्शन हुआ और इस दौरान वो झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग 39 पर धरने पर बैठ गए. बाद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय विधायक अरविंद पटेरिया से आश्वासन मिलने के बाद किसान वहां से हटे.
किसानों ने हरपालपुर थाने के ठीक सामने खाद वितरण की व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन किया. किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन ने थाने से खाद के टोकन बांटने की व्यवस्था की. एक प्रदर्शनकारी किसान ने बातचीत में कहा कि वर्तमान में फसलों को यूरिया की बहुत जरूरत है. इसी वजह से किसान किसी भी कीमत पर यूरिया लेना चाहता है. हरपालपुर के थाना प्रभारी संजय राय ने कहा कि थाने से टोकन बांटने का काम वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कराया गया. उन्होंने कहा, 'यहां से पर्ची बनने के बाद किसानों को गोदाम से खाद दी गई. इस व्यवस्था से किसानों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.' इस बीच, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य में खाद संकट और इससे किसानों को हो रही परेशानी के लिए सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'किसान खाद के लिए कतार में, सरकार कैबिनेट मीटिंग में व्यस्त! खजुराहो में जहां मंगलवार को मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक होने जा रही है, उससे सिर्फ आठ किमी दूर किसान खाद के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'जरूरत के मुताबिक खाद नहीं, लाइनें लंबी, गोदाम खाली लेकिन सरकार की नजर किसानों की परेशानी पर नहीं!' सिंगार ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक का असली उद्देश्य जनता के हित में फैसला लेना होता है और जब किसान ही बेहाल हों, तो पहला फैसला उनकी खाद की कमी दूर करने का होना चाहिए.
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