बीज खरीदते वक्त इन चार बातों का रखें ध्यान, क्वालिटी जानने के लिए ये दो टेस्ट भी हैं जरूरी

बीज खरीदते वक्त इन चार बातों का रखें ध्यान, क्वालिटी जानने के लिए ये दो टेस्ट भी हैं जरूरी

क‍िसानों को यह भी देखना चाह‍िए क‍ि बैग की सिलाई के अंत में सील तो दुरुस्त है. बीज की प्रमाणीकरण संस्था द्वारा एक्सपायरी डेट कब तक दी गई है, इस बात की जांच जरूर कर ले. अगर एक्सपायरी डेट बीत गई या जल्दी बीतने वाली है, तो उसे खरीदने से बचना चाह‍िए. 

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बीज खरीदते वक्त इन चार बातों का रखें ध्यान, क्वालिटी जानने के लिए ये दो टेस्ट भी हैं जरूरीseeds quality test

अच्छे फसल उत्पादन के लिए जरूरी है क‍ि क‍िसान सही बीजों का चयन करें. सीधे शब्दों में कहें तो बीज शुद्ध होने चाह‍िए और उनका अंकुरण प्रतिशत मानक स्तर का होना चाह‍िए. असल में कि‍सान की मेहनत को बीज ही सफल बनाते हैं. उच्च गुणवत्ता प्रमाणित बीजों के उपयोग से ही किसान लगभग 20 प्रतिशत तक उत्पादन में वृद्धि कर सकता है. क्वालिटी बीजों से न सिर्फ उत्पादन क्षमता बढ़ती है, बल्कि खेतों में लगने वाले खरपतवार को भी कम किया जा सकता है. इसल‍िए कृष‍ि वैज्ञान‍िक क‍िसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज का चयन करने की सलाह देते हैं. जो क‍िसान इसे मानते हैं वो फायदे में रहते हैं. 

क‍िसान फसलों के बीज या तो खुद सुरक्षि‍त रखते हैं या बाजार से लेते हैं. ऐसे में जरूरी है क‍ि क‍िसान बीज की थैली में एक ही क‍िस्म के बीज को रखें. दूसरी फसल के बीज और चारा बीज उसमें नहीं मिलना चाहिए. यह भी देखें कि बीज कच्चे न हों, टूटे न हों. ऐसा होने से अंकुरण प्रभाव‍ित होगा.

बीजों की ऐसे करें पहचान  

सभी कैटगरी के बीजों के लिए अलग-अलग टैग लगे रहते हैं. उसे देखकर आप बीजों की कैटगरी की पहचान कर सकते हैं, जैसे प्रजनक बीज के लिए सुनहरा पीला रंग का प्रयोग किया जाता है. आधार बीज के लिए सफेद टैग का प्रयोग किया जाता है. प्रमाणित बीज के लिए नीला रंग टैग का प्रयोग किया जाता है. वहीं पंजीकृत बीज के लिए बैंगनी टैंग का प्रयोग किया जाता है. बीज बोरी के टैग पर कौन सी प्रजाति का बीज है उस पर लिखा रहता है. हमेशा व‍िश्वसनीय और रजिस्टर्ड दुकान से ही बीज खरीदना चाहिए और यह भी देख लें क‍ि कहीं से बैग कटा-फटा तो नहीं है और कहीं हाथ से सिलाई तो नही की गई है.

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एक्सपायरी डेट देख लें 

क‍िसानों को यह भी देखना चाह‍िए क‍ि बैग की सिलाई के अंत में सील तो दुरुस्त है. बीज की प्रमाणीकरण संस्था द्वारा एक्सपायरी डेट कब तक दी गई है, इस बात की जांच जरूर कर ले. अगर एक्सपायरी डेट बीत गई या जल्दी बीतने वाली है, तो उसे खरीदने से बचना चाह‍िए. अगर बीज उत्पादन के लिए फसल बुवाई करना है तो आधार बीज के लिए प्रजनक बीज की खरीदारी करें. अगर प्रमाणित बीज का उत्पादन करना है तो आपको आधार बीज की जरूरत पड़ेगी.

बीज जांच का घरेलू तरीका 

बीजों को बोने के पहले एक बर्तन लें और उसमें पानी भर दें. इसके बाद बीजों को पानी में डाल दें और ध्यान से देखें कि बीज पानी में डूबते हैं या पानी पर तैरते हैं. 10-15 मिनट प्रतीक्षा करें जो बीज अंदर से खोखले होते हैं, वे हल्के होते हैं. वो पानी पर तैरने लगते हैं. ऐसे बीजों के अंकुरण की संभावना बहुत कम होती है.अगर बीज अच्छी गुणवत्ता वाले हैं. तो वे भारी होते हैं. इन बीजों के अंकुरित होने की संभावना सबसे अधिक होती है. अगर घरेलू बीज बो रहे हैं तो अंकुरण परीक्षण कर लेना चाहिए. बीज अंकुरण प्रतिशत 80 से 90 तक जरूर होना चाहिए.

पेपर बीज अंकुरण परीक्षण

अंकुरण परीक्षण के लिए कम से कम 400  बीजों का परीक्षण करना चाहिए. अंकुरण परीक्षण निम्न प्रकार से किया जा सकता है. 3-4 पेपर एक के ऊपर एक रखकर सतह बनाएं और उन्हें पानी से भिगोए. फिर सतह पर सौ-सौ बीज गिनकर लाइन में रखें तथा पेपर को मोड़कर रख दें. पेपर को समय-समय पर पानी डालकर नम बनाये रखें. तीन-चार दिन बाद अंकुरित बीजों को गिन लें. अगर बीज अंकुरण प्रतिशत 80 से 90 तक है तभी बोना चाहिए .

सीड बॉक्स विधि द्वारा अंकुरण परीक्षण   

इस विधि में लकड़ी के बॉक्स में रेत बिछाकर उस पर दानों को लाइन में रखें और फिर भुरभुरी मिट्टी की 1.5 सेमी की तह लगा दें. रेत को नम बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी डालते रहें. लगभग 4-5 दिनों में अंकुर मिट्टी की सतह पर आ जाते हैं. बीज अंकुरण क्षमता कम से कम 80-90 प्रतिशत होनी चाहिए. परीक्षण के समय तापक्रम फसल के अनुसार होनी चाहिए. अंकुरण क्षमता परीक्षण में पहले सामान्य पौधे और फिर असामान्य पौधे फिर बीज तत्पश्चात् उन अंकुरित बीजों की गिनती की जाती है.

अच्छे बीजों का चयन करते समय इन बातों का रखें ख्याल 

  • शासन द्वारा प्रमाणित बीजों का ही प्रयोग करें. बीज खरीदते समय तुलनात्मक रुप से इसकी गुणवत्ता की जांच करे और विश्वसनीय स्टॉकिस्ट या एग्रोवेट की दुकानों या किसानों से ही बीज खरीदें.  
  • बीज मिलावट युक्त, कटा हुआ या सड़ा हुआ नहीं होना चाहिए, क्योंकि कटे बीज में अंकुरण एवं पोषण क्षमता कम होती है. बीज छोटा व सुखा नहीं होना चाहिए.
  • बीज के अंदर नमी की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए ताकि अंकुरण अच्छे से हो सके. बीज में भौतिक शुद्धता का अपेक्षित स्तर होना बेहद जरुरी हैं. 
  • उन्नत बीजों का उत्पादन वैज्ञानिकों की देखरेख में ही करें और एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार ही बीजों को फफूंदनाशक दवा से उपचारीत करके बोएं.
  • क्षेत्रीय मौसम, मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप हाई-ब्रिड या उन्नत किस्मों के बीजों का ही चयन करें, जो भविष्य में आपको अधिक लाभ दे सकें. अपने पुराने बीजों को बदलते हुए, प्रमाणित बीजों से बुवाई करें, जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि हो और शोधित बीज बच जाने पर वापस प्रयोग करें.

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