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Moong Ki Hari Khad: धान की पैदावार बढ़ा देती है मूंग की हरी खाद,  इस खास तरीके से करें इस्तेमाल

Moong Ki Hari Khad: धान की पैदावार बढ़ा देती है मूंग की हरी खाद,  इस खास तरीके से करें इस्तेमाल

Moong Ki Hari Khad: मूंग की हरी खाद ऐसी खाद है जिसके लिए किसानों को कुछ नहीं करना पड़ता. इसे खरीदने या बनाने में कोई खर्च भी नहीं होता क्योंकि पौधे से मूंग की तुड़ाई करने के बाद उसके पत्तों और डंठलों को खेत में दबा दिया जाता है. इसी से हरी खाद तैयार हो जाती है.

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धान की पैदावार बढ़ा देती है मूंग की हरी खाद धान की पैदावार बढ़ा देती है मूंग की हरी खाद

Moong Ki Hari Khad: बिना सड़े हुए पौधे का वह भाग जिसे किसान मिट्टी में मिलाकर खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं, उसे हरी खाद कहते हैं. मूंग के साथ भी यही बात होती है. हरी खाद खेती में पैदावार बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. ऐसी ही एक हरी खाद है मूंग, जो धान के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती है. मूंग भारत की एक लोकप्रिय दलहनी फसल है. वहीं सभी दलहन फसलों की तरह मूंग अपनी जड़ों में बनने वाली गांठों में रहने वाले बैक्टीरिया के द्वारा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है. साथ ही मिट्टी के संरक्षण में भी सहायक होता है. अगर आप भी धान की पैदावार को बढ़ाना चाहते हैं तो मूंग की हरी खाद का इस खास तरीके से इस्तेमाल करें.

हरी खाद के तौर पर मूंग का प्रयोग

मूंग की हरी खाद ऐसी खाद है जिसके लिए किसानों को कुछ नहीं करना पड़ता. इसे खरीदने या बनाने में कोई खर्च भी नहीं होता क्योंकि पौधे से मूंग की तुड़ाई करने के बाद उसके पत्तों और डंठलों को खेत में दबा दिया जाता है. इसी से हरी खाद तैयार हो जाती है. मूंग एक अल्पकालीन फसल है, जो 60-70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसके फलियों को दो बार में तुड़ाई करने के बाद उसके हरे पौधों को मिट्टी पलटने वाले हल से इसे मिट्टी में दबा दिया जाता है. मिट्टी में दबाने के बाद ये जल्दी ही सड़ जाता है. इसे किसान हरी खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

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मूंग की हरी खाद (Moong Ki Hari Khad) के क्या हैं लाभ

  • मूंग की हरी खाद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ को बढ़ाती है.
  • यह भूमि की संरचना को ठीक करती है.
  • बलुहट मिट्टी में हरी खाद का इस्तेमाल करने से खेत की जल धारण क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
  • हरी खाद पौधों के पोषक तत्व को पकड़कर रखता है.
  • मूंग की हरी खाद मिट्टी के उर्वरता शक्ति को बढ़ाती है.

मूंग (Moong Ki Hari Khad) के खेतों में करें धान की रोपाई

मूंग के खेत में पूरी तरह सड़ने के बाद धान की रोपाई करें. इस तकनीक को अपनाने से धान की उत्पादक क्षमता बढ़ती है. साथ ही कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि मूंग को हरी खाद के रूप में इस्तेमाल करने के बाद धान की रोपाई करने से 100 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर में से 20 से 25 किलो नाइट्रोजन की कम आवश्यकता पड़ती है. साथ ही 20 से 25 प्रतिशत धान की उपज में वृद्धि होती है.