क्या है चिकन खाद जो वर्मी कंपोस्ट से भी होती है बेहतर, जानें इसके फायदे

क्या है चिकन खाद जो वर्मी कंपोस्ट से भी होती है बेहतर, जानें इसके फायदे

मुर्गियों की बीट (मल) को ही चिकन खाद कहा जाता है. अकसर देखा गया है कि मुर्गी पालन करने वाले किसान अंडा और चिकन तो बेचते हैं, लेकिन उसकी बीट को फेंक देते हैं. लेकिन किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए. वे मुर्गियों की बीट बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं.

Advertisement
क्या है चिकन खाद जो वर्मी कंपोस्ट से भी होती है बेहतर, जानें इसके फायदे चिकन खाद का खेत में करें इस्तेमाल. (सांकेतिक फोटो)

जब भी जैविक खाद की बात होती है, तो लोगों के जेहन में सबसे पहले वर्मी कंपोस्ट का नाम उभर कर सामने आता है. क्योंकि लोगों को लगता है कि वर्मी कंपोस्ट ही सबसे अच्छा जैविक खाद होता है. लेकिन, ऐसी बात नहीं है. वर्मी कंपोस्ट भी ज्यादा अच्छी चिकन खाद होती है. इसका खेत में खाद के रूप में उपयोग करने से फसलों का उत्पादन बढ़ जाता है.

दरअसल, मुर्गियों की बीट (मल) को ही चिकन खाद कहा जाता है. अकसर देखा गया है कि मुर्गी पालन करने वाले किसान अंडा और चिकन तो बेचते हैं, लेकिन उसकी बीट को फेंक देते हैं. लेकिन किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए. वे मुर्गियों की बीट बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि इसका उपयोग फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए खाद के रूप में किया जाता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि एक मुर्गी से एक दिन में 32 से 36 ग्राम बीट मिलती है. इसमें 40 फीसदी नमी होती है. इसलिए यह खाद बागवानी फसलों के लिए गोबर के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है. ऐसे में किसान मुर्गी की बीट से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं.

चिकन खाद में इतनी फीसदी होता है नाइट्रोजन

तमिलनाडु एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के मुताबिक, मुर्गी की बीट से बनी खाद पूरी तरह जैविक होती है. इससे फसलों का कोई नुकसान नहीं होता है. ऐसे पॉल्ट्री बीट में नाइट्रोजन की 4.55 से 5.46 प्रतिशत पाया जाता है. जबकि, इसमें फास्फोरस 2.46 से 2.82% प्रतिशत, कैल्सियम 4.52 से 8.15 प्रतिशत, पोटैशियम 2.02 से 2.32 प्रतिशत और मैग्नेशियम 0.52 से 0.73 प्रतिशत पाया जाता है.  इसके अलावा भी मुर्गी की बीट में कई तरह के पोशक तत्व पाए जाते हैं. यही वजह है कि मार्केट में अभी 12 से 14 रुपए किलो मुर्गी की बिट से बनी खाद बिक रही है है.

ये भी पढ़ें- बिहार में खाद बेचने के लिए लाइसेंस बनवाना है तो ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन, जानें पूरा प्रोसेस

पौधों की जड़ों को जला देगी

किचन खाद से उच्च नाइट्रोजन प्राप्त होती है. यदि इसे पॉल्ट्री से निकालने के बाद खेत में डाल दें, तो पौधों की जड़ों को जला देगी. यदि आपकी मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा कम है, तो चिकन खाद को रसोई के कचड़े या अन्य अपशिष्ट पदार्थ के साथ मिलकार ही डालें. अगर आप एक बार में बहुत अधिक चिकन खाद खेत में डाल देते हैं, तो यह आपके वह मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया को भी मार देगा. इसिलए चिकन खाद को वर्मी कंपोस्ट में बदलकर खेत डालें.

क्या होता है वर्मी कंपोस्ट: वर्मीकम्पोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद है, जिसे केंचुओं द्वारा तैयार किया जाता है. आप इसे खेत में खाद में रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे वर्मी कंपोस्ट गाय के गोबर, भोजन और सड़े-गले फलों के छिलके को अपघटित कर बनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- Car Price: कार महंगी होने वाली हैं, 5 बड़ी कार कंपनियां जनवरी 2024 से बढ़ा देंगी कीमत, जानिए जेब पर कितना बोझ बढ़ेगा 

 

POST A COMMENT