
श्री अन्न और गुड़, दोनों ही सेहत के लिए राम बाण माने गए हैं. रोजमर्रा के खानपान में इन दोनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए यूपी के गन्ना विकास विभाग ने श्री अन्न और गुड़ के चमत्कारी मिश्रण से ऐसे गुणकारी उत्पाद बनाने की कवायद की है, जो सेहत और स्वाद के लिहाज से बेहतर हों. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने बाकायदा शोध के आधार पर इन उत्पादों की रेसिपी तैयार की है. अब इन्हें बनाने का काम सामाजिक संगठनों के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए विभाग ने सामाजिक संगठनों के साथ करार भी कर लिया है. ये रेसिपी यूपी सरकार की शाहजहांपुर स्थित UP Sugarcane Research Council द्वारा तैयार की गई हैं. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की मौजूदगी में शोध परिषद और सामाजिक संगठन स्पर्श फैलोशिप की प्रमुख सुचित्रा सिंह के बीच श्री अन्न आधारित, मूल्य वर्धित गुड़ उत्पाद बनाने के लिये अनुबंध किया गया.
शरीर को सर्दी का सितम झेलने के लिए सक्षम बनाने में गुड़ को कारगर माना गया है. गुड़ में तिल, अदरक, अजवाइन और सौंठ आदि मिलाकर इसके गुणधर्म को बेहतर बनाने की परंपरा भारतीय समाज में सदियों से कायम है. अब जल्द ही श्री अन्न युक्त गुड़ अपना चमत्कारी असर दिखाएगा.
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डॉ भूसरेड्डी ने कहा कि लोगों के दैनिक उपभोग में मूल्य वर्धित उत्पादों के रूप में मिलेट्स का उपयोग बढ़ाने के लिए विभाग ने यह पहल की है. उन्होंने कहा कि खानपान संबंधी गड़बड़ियों के कारण महिलाओं, खासकर युवतियों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से अनेक बीमारियां हो रही है.
इसके मद्देनजर श्री अन्न युक्त गुड़ के अलावा अन्य औषधीय गुणों वाले उत्पाद भी बनाए जाएंगे. इनमें श्री अन्न, गुड़ और मसाले आदि के मिश्रण से भी कुछ चटखारेदार स्वाद वाली डिश बनाई जाएंगी. ये डिश केंडी बार, ग्रेन्यूल और पाउडर के रूप में छोटे-छोटे पैक में उपलब्ध होंगी. इन्हें तमाम तरह की ड्रिंक्स में मिलाकर या सीधे ही इस्तेमाल किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि गांवों में श्री अन्न युक्त गुड़ को कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित करने की योजना है. जिससे ग्रामीण आबादी में कुपोषण की समस्या से निपटने में ये उत्पाद मददगार साबित होगा. ऐसे क्षेत्र जहां कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में स्वास्थ्य समस्या रहती है वहां यह उत्पाद पोषण विकार दूर करने में मददगार होगा.
डा भूसरेड्डी ने कहा कि गुड़ स्वयं में पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर है. वहीं, पोषक तत्वों का खजाना माने गए मोटे अनाज के मिश्रण से गुड़ की पोषण क्षमता और अधिक बढ़ जाती है. खासकर, गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी को दूर करने में श्री अन्न युक्त गुड़ अचूक उपाय है.
उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले तक फास्ट फूड कल्चर हावी होने से पहले ज्वार, बाजरा, रागी आदि मिलेट्स का सेवन हलवा और खिचड़ी के रूप में खूब होता था. इससे शरीर में भरपूर सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती थी. कालांतर में मिलेट्स आहार सूची से बाहर हो गया है. सेहत के लिए इसे जरूरी मानते हुए फिर से मिलेट्स को आहार में शामिल करने के लिए श्री अन्न युक्त गुड़ के उत्पाद बनाने की पहल हुई है.
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उन्होंने बताया कि श्री अन्न युक्त गुड़ बनाने में तकनीकी सहयोग तथा अन्य ढांचागत सुविधाएं गन्ना शोध परिषद द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. इनका उत्पादन करने एवं मार्केटिंग का काम स्पर्श फैलोशिप को दिया गया है. इन उत्पादों को उन इलाकों में ज्यादा प्रोत्साहित किया जाएगा, जहां कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में स्वास्थ्य समस्याएं रहती हैं. इन इलाकों में ये उत्पाद पोषण संबंधी विकार दूर करने में मददगार होंगे. ये उत्पाद आकर्षक पैकिंग में लोगों को उपलब्ध कराए जाएगे.
इस दौरान स्पर्श फैलोशिप की सुचित्रा सिंह ने बताया कि उनकी संस्था को गन्ना शोध परिषद द्वारा गुड़ एवं श्री अन्न से बने मूल्यवर्धित उत्पादों की रेसिपी के आधार पर वैज्ञानिक ढंग से इन उत्पादों को बनाने की तकनीकी जानकारियां, अन्य वैज्ञानिक सहयोग और उत्पादों के प्रशिक्षण के लिए प्रयोगशाला आदि उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा गन्ना विभाग के अधीन गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को श्री अन्न और गुड़ के उत्पाद बनाने एवं उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का काम दिया जाएगा. इससे ग्रामीण महिलाओं की आय में इजाफा हाे सकेगा.
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