Maize Farming: मक्का की फसल में स्टेम बोरर कीट का हमला, 12 से ज्यादा गांवों के खेतों में फैला संक्रमण

Maize Farming: मक्का की फसल में स्टेम बोरर कीट का हमला, 12 से ज्यादा गांवों के खेतों में फैला संक्रमण

उन्नाव जनपद में मक्के की फसल में तना छेदक कीट का हमला हुआ है. यहां के किसान अब बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. जनपद में किसानों ने अगेती की मक्का की फसल लगाई है. अच्छे मूल्य के चलते जिले में अब बड़े पैमाने पर मक्के की खेती कर रहे हैं

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Maize Farming: मक्का की फसल में स्टेम बोरर कीट का हमला, 12 से ज्यादा गांवों के खेतों में फैला संक्रमण

मक्के की फसल को लेकर किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. उन्नाव जनपद में मक्के की फसल में तना छेदक कीट (stem borer) का हमला हुआ है. यहां के किसान अब बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. जनपद में किसानों ने अगेती की मक्का की फसल लगाई है. अच्छे मूल्य के चलते जिले में अब बड़े पैमाने पर मक्के की खेती कर रहे हैं. उन्नाव जनपद में किसानों की मक्के की फसल को एक महीने का समय हो चुका है. फसल में तेजी से तना छेदक कीट का हमला भी बढ़ रहा है, जिसके चलते किसान सबसे ज्यादा परेशान है. इस कीट के चलते मक्के का पौधा सूखने लगता है. फिलहाल इस कीट का जनपद के एक दर्जन से ज्यादा गांव में बोई गई मक्के की फसल पर संक्रमण हुआ है.

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मक्के की फसल में तना छेदक कीट का हमला 

उन्नाव जनपद में गंजमुरादाबाद के दर्जन भर से ज्यादा गांव में मक्के की फसल में तना छेदक कीट स्टेम बोरर का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यह कीट  जमीन में ही पाया जाता है. मक्के की फसल के बढ़ने के साथ-साथ तने की ऊपरी हिस्से में इसका हमला होता है. भूरे और सफेद रंग के इस कीट का मुंह काला होता है जो 20 से 25 मिली मीटर तक लंबा होता है. शरीर पर चार भूरी धारियां होती हैं.

तने को खा जाता है स्टेम बोरर कीट

स्टेम बोरर कीट मक्के के तने में चिपक जाता है और तने को खाता है जिसके चलते पौधे में भुट्टा भी नहीं लगता है. इससे तना कमजोर होकर टूट जाता है या बढ़ नहीं पाता है. कीट के संक्रमण से फसल कमजोर हो जाती है. फिलहाल इसकी कीट के चलते हसनपुर, महमूदाबाद ,कलवारी ,हैबतपुर, नेवल, जगतापुर, रूरी सादिकपुर ,मल्लापुर, कुशराजपुर ,सुल्तानपुर में बोई गई फसल में संक्रमण हो चुका है। 

कैसे करें तना छेदक कीट से फसल का बचाव

  • कृषि वैज्ञानिक देवी सिंह ने बताया कि इस कीट से बचाव के लिए बीज शोधन के साथ-साथ भूमि शोधन किसानों को करना चाहिए. किसानों को इस कीट से बचाव के लिए 1 लीटर डाइ मेथोएट 30% इसी का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर भूमि में छिड़काव करना चाहिए. इस छिड़काव से फसल को तना छेदक कीट से बचाया जा सकता है.
  • इस कीट से बचाव के लिए किसानों को  मोनोप्रोटोफास 2 ml प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से भी बचाव किया जा सकता है. कार्टाफ 50 प्रतिशत एसपी पाउडर को 2 ग्राम प्रति लीटर पानी घोल बनाकर छिड़काव करने से भी विशेष फायदा होता है. किसानों को शाम के वक्त ही दवा का छिड़काव करें तो फसल में ज्यादा फायदा दिखाई देगा.

 

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