बाजरा फसल में 3 रोग और कीट का अटैक, कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को बताए लक्षण और बचाव के तरीके 

बाजरा फसल में 3 रोग और कीट का अटैक, कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को बताए लक्षण और बचाव के तरीके 

कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के अनुसार बाजरा किसान इन दिनों हरित बाली रोग यानी डाउनी मिलड्यू रोग और ईयर हेड मिज कीट के साथ ही अत्यधिक बारिश की वजह से सड़न रोग से परेशान हैं. ऐसे में किसानों को उचित बचाव प्रबंध करना जरूरी है.

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बाजरा फसल में 3 रोग और कीट का अटैक, एक्सपर्ट ने किसानों को बताए लक्षण और बचाव के तरीके देशभर के किसानों ने इस बार 69.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की खेती कर रहे हैं.

खरीफ सीजन में बाजरा की बुवाई करने वाले किसान इन दिनों हरित बाली रोग यानी डाउनी मिलड्यू रोग और ईयर हेड मिज कीट के प्रकोप से परेशान चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बाजरा की खेती करने वाले किसान बारिश और इन रोग और कीटों की वजह से नुकसान को लेकर चिंतित हैं. किसानों को उपज नुकसान से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के एक्सपर्ट की ओर से फसल के बचाव का तरीका बताया है. एक्सपर्ट ने किसानों कहा कि खेत से जल निकासी की व्यवस्था जरूर रखें, नहीं तो जड़ों में सड़न रोग का प्रकोप भी बढ़ जाएगा. 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस बार खरीफ सीजन में श्रीअन्न फसलों यानी मोटे अनाज वाली फसलों की खूब बुवाई की गई है. 17 सितंबर 2024 तक इस वर्ष 189.67 लाख हेक्टेयर में श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती की गई है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 183.11 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुवाई की गई थी. जबकि, देशभर के किसानों ने इस बार 69.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की खेती कर रहे हैं. 

बाजरा में सड़न रोग भी बढ़ रहा 

उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के अनुसार बाजरा किसान इन दिनों हरित बाली रोग यानी डाउनी मिलड्यू रोग और ईयर हेड मिज कीट के साथ ही अत्यधिक बारिश की वजह से सड़न रोग से परेशान हैं. ऐसे में किसानों को उचित बचाव प्रबंध करना जरूरी है. अत्यधिक बारिश के चलते बाजरा के खेत में ज्यादा दिन तक पानी रुकने से बाजरा के पौधे की जड़ में सड़न रोग फैलने का खतरा है. इससे बचाव के लिए किसानों को जल निकासी की तुरंत व्यवस्था करनी चाहिए. 

हरित बाली रोग के लक्षण और बचाव 

यूपी कृषि विभाग के अनुसार बाजरा की फसल में हरित बाली रोग के लक्षण एवं उससे बचाव का तरीका किसानों को जानना जरूरी है. हरित बाली रोग यानी डाउनी मिलड्यू रोग में बालियों के स्थान पर टेढ़ी मेढी हरी पत्तियां सी बन जाती हैं, जिसमें पूर्व बाली झाड़ू के समान दिखाई देती है. इस रोग के चलते बाजरा के पौधे बौने रह जाते हैं.

बचाव का तरीका - कृषि एक्सपर्ट के अनुसार हरित बाली रोग यानी डाउनी मिलड्यू रोग के नियंत्रण के लिए कार्बेडाजिम 50% WP या फिर थायोफिनेट मिथाइल 70% WP की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करना चाहिए. 

ईयर हेड मिज कीट का असर और बचाव 

ईयर हेड मिज कीट बाजरा के साथ ही ज्वार की फसलों के लिए घातक होता है. यह कीट बौर के डंठल, पत्तियों की शिराओं या तने पर दिखाई देता है. यह पौधे के जिस हिस्से में बैठता है वहां कत्थई या काले धब्बे पड़ जाते हैं और बाद में वह सड़कर छेद बन जाता है. ईयर हेड मिज कीट की वजह े बौर व पत्तियों या डंठल टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है. 

बचाव का तरीका - बाजरा और ज्वार में ईयर हेड मिज कीट के नियंत्रण के लिए किसानों को डाईमेथोएट 30% EC 1.5 लीटर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए. 

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