Poshan vatikas: पोषण वाटिका के माध्यम से पूरे साल मिलेंगे पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां, एक्सपर्ट से जानें टिप्स

Poshan vatikas: पोषण वाटिका के माध्यम से पूरे साल मिलेंगे पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां, एक्सपर्ट से जानें टिप्स

पोषक तत्व से भरपूर सब्जियां हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर को ही नहीं बढ़ती बल्कि हमारी क्षमताओं का भी विकास करती है. ऐसे में हम नियमित तौर पर स्वस्थ और औषधिय गुणों से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन से शरीर को हर जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं. पोषण वाटिका का मकसद परिवार की जरूरत के मुताबिक फल और सब्जियां को उगाना है.

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Poshan vatikas: पोषण वाटिका के माध्यम से पूरे साल मिलेंगे पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां, एक्सपर्ट से जानें टिप्स

पोषण वाटिका का मकसद परिवार की जरूरत के मुताबिक फल और सब्जियां को उगाना. कोरोना महामारी के चलते लोगों में  इम्यूनिटी पावर यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता को लेकर जागरूकता बढ़ी है. हमारा शरीर खाद्य पदार्थों से मिलने वाले पोषण के माध्यम से बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पता है. अगर शरीर को जरूरी पोषक तत्व ना मिले तो कुपोषण की समस्या भी देखने को मिलती है. ऐसे में पोषण वाटिका को लेकर अब जागरूकता तेजी से फैल रही है. बनारस स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा पोषण वाटिका के अलग-अलग मॉडल को तैयार किया गया है. परिवार की जरूरत और संख्या की मुताबिक पोषण वाटिका में किस तरह की सब्जियां उगाई जाए इस पर भी विशेष प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है. घर पर गमले के माध्यम से भी पोषण वाटिका को छत पर स्थापित किया जा सकता है.

कैसे करें पोषण वाटिका का निर्माण

 पोषक तत्व से भरपूर सब्जियां हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर को ही नहीं बढ़ती बल्कि हमारी क्षमताओं का भी विकास करती है. ऐसे में हम नियमित तौर पर स्वस्थ और औषधिय गुणों से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन से शरीर को हर जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं. बनारस स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.सूर्यनाथ सिंह चौरसिया ने किसान तक से खास बातचीत में बताया की इन दोनों संस्थान में कार्बनिक खेती, नियंत्रित वातावरण में खेती के साथ-साथ पोषण वाटिका के ऊपर काम किया जा रहा है. परिवार के आकार और जरूरत के मुताबिक 50 वर्ग मीटर से लेकर 300 वर्ग मीटर में किस तरीके से छोटे फल के पौधे और सब्जियों को उगाए. इस पर भी शोध कार्य किया गया है. ऋतुओं के अनुसार अलग-अलग सब्जियों को उगाया जाता है. ऐसे में पोषण वाटिका के महत्व को समझना होगा. प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए. इसमें हरी पत्तेदार सब्जी के साथ-साथ कद्दू वर्गी सब्जी की मात्रा भी होनी चाहिए.

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इंद्रधनुष के रंग की सब्जियों का करें प्रयोग

बनारस से स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं सब्जी उत्पादन विभाग के हेड डॉ. सूर्यनाथ सिंह चौरसिया ने बताया कि हमें इंद्रधनुष के रंग की सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए. अलग-अलग रंग की सब्जियों का प्रयोग करने से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं. इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट भी मिलते हैं. पोषण वाटिका में रंग बिरंगी सब्जियों के साथ-साथ छोटे आकार वाले फल के पौधों को भी उगाया जा सकता है जिसमें अमरुद ,नींबू, केला, पपीता और सहजन को शामिल किया जा सकता है.

पोषण वाटिका को ऐसे करें तैयार

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सूर्यनाथ सिंह चौरसिया ने बताया कि पोषण वाटिका को तैयार करने के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जहां पर्याप्त धूप आती हो. छायादार स्थान का चयन करने से बचना चाहिए. न्यूट्रीशन गार्डन की पहली क्यारी में नवंबर से मार्च और मार्च से अक्टूबर के दौरान पत्ता गोभी, लेट्युअस , फसले के रूप में ग्वार एवं बींस की फसल को उगाना चाहिए. वहीं दूसरी तैयारी में गांठ गोभी, लोबिया और मार्च अगस्त महीने में लोबिया की फसल लगानी चाहिए. तीसरी क्यारी में नवंबर दिसंबर में फूलगोभी और मूली के साथ-साथ प्याज की फसल लगानी चाहिए. चौथी क्यारी में बैगन के साथ पालक और मार्च से जून माह में भिंडी के साथ चौलाई साग लगानी चाहिए.

पोषण वाटिका से लाभ

पोषण वाटिका के माध्यम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा कई पोषक तत्व की पूर्ति भी होती है. पोषण वाटिका के माध्यम से परिवार को हर समय ताजी और स्वादिष्ट के साथ-साथ केमिकल मुक्त सब्जी की उपलब्धता पूरे वर्ष भर बनी रहती है. इस वाटिका के माध्यम से बच्चों में भी अच्छी आदतों का विकास होता है.

 

 

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