आज के समय में शुद्ध और ताजी सब्जियां एक बड़ी चुनौती की तरह हैं. ऐसे में अब हर कोई किचन गार्डेनिंग या फिर ऑर्गेनिक फार्मिंग की तरफ बढ़ने लगा है. अगर आपके पास किचन गार्डन के लिए जगह नहीं है और आप ताजी फ्रेश सब्जियां चाहते हैं तो परेशान मत होइए. हम आपको छत पर आसानी से सब्जियां उगाने के टिप्स देंगे. ये टिप्स देखकर आपको लगेगा कि छत पर किचन गार्डन बनाना आसान है मगर ये टिप्स काफी खास हैं. एक नजर ऐसी ही कुछ खास तरकीबों पर.
बाजार में इस समय मिलने वाली सब्जियों में कीटनाशकों और केमिकल की मात्रा काफी ज्यादा होती है. इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है ऐसे मेंघर की छत पर सब्जियां उगाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. इससे न सिर्फ शुद्ध और ताजी सब्जियां मिलती हैं बल्कि आपको मानसिक शांति मिलेगी. साथ ही आप पर्यावरण से भी एक खास जुड़ाव महसूस करेंगे. अगर आप भी सोच रहे हैं कि घर की छत पर सब्ज़ियां कैसे उगाई जाएं, तो ये खास टिप्स आपके लिए बेहद मददगार साबित होंगे.
सबसे पहले छत पर ऐसी जगह चुनें जहां कम से कम 5-6 घंटे की सीधी धूप आती हो. अधिकतर सब्जियों को अच्छी ग्रोथ के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है.
आप प्लास्टिक टब, बाल्टी, गमले या ग्रो बैग का प्रयोग कर सकते हैं. ध्यान रखें कि कंटेनर के नीचे पानी निकलने के लिए ड्रेनेज होल जरूर हो ताकि जड़ों में पानी न भर जाए.
सब्जियों के लिए मिट्टी उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए. इसके लिए आप 40 फीसदी बागवानी मिट्टी, 30 फीसदी गोबर की खाद और 30 प्रतिशत रेत या कोकोपीट मिलाकर एक बेहतर मिश्रण बना सकते हैं.
शुरुआत में आसान और जल्दी उगने वाली सब्जियां उगाना बेहतर होता है जैसे टमाटर, धनिया, पालक, मिर्च, मेथी, भिंडी और बैंगन. धीरे-धीरे आप लौकी, तोरई, करेले जैसी बेल वाली सब्जियां भी उगा सकते हैं.
गमले की मिट्टी को न ज्यादा गीला रखें, न ज्यादा सूखा. रोजाना सुबह या शाम हल्की सिंचाई करें. गर्मियों में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. इसके अलावा रासायनिक खाद की जगह घर की बनी जैविक खाद जैसे कि वर्मी कम्पोस्ट, रसोई के कचरे से बनी खाद का प्रयोग करें. नीम के तेल का स्प्रे करके कीड़ों से बचाव करें.
सब्जियों को नियमित तौर पर देखना और समय पर कटाई करना जरूरी है. सूखी पत्तियों को हटा दें और पौधों को समय-समय पर खाद देते रहें. अगर छत पर जगह कम है तो वर्टिकल गार्डन यानी दीवारों पर टांगे जाने वाले पॉट्स या स्टैंड्स का प्रयोग करें. इससे ज्यादा पौधे कम जगह में उगाए जा सकते हैं.
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