अभी जहां देखो वहां से डीएपी खाद के लिए मारामारी की खबरें आ रही हैं. सरकार लाख सफाई दे कि डीएपी की कमी नहीं है, लेकिन कमी की खबरें बड़ी संख्या में सामने आ रही हैं. ऐसे में सरकार भी बताने लगी है कि जब डीएपी ना मिले तो किसान क्या करें. इसका सीधा मतलब है कि डीएपी के बिना गेहूं, सरसों या चने की बुवाई नहीं पिछड़नी चाहिए. सरकार बता रही है कि डीएपी की वैकल्पिक खादों का प्रयोग कर किसान रबी फसलों की बुवाई जारी रख सकते हैं. इसी में एक खाद है एसएसपी यानी कि सिंगल सुपर फॉस्फेट जो कि डीएपी कैटेगरी की ही खाद है, लेकिन उससे बहुत सस्ती है.
डीएपी की तुलना में एसएसपी इतनी सस्ती है कि एक बैग डीएपी के रेट में किसान तीन बोरी एसएसपी खरीद सकते हैं जबकि पोषक तत्वों के मामले में फायदा उतना ही मिलेगा. दरअसल, एसएसपी एक फॉस्फोरस वाली खाद है, जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस और 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है. इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह खाद तिलहन और दलहन फसलों के लिए डीएपी खाद की अपेक्षा अधिक लाभदायक होती है.
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एसएसपी खाद का उत्पादन देश में होने के कारण आसानी से उपलब्ध है. इसे डीएपी की तरह किसी और देश से आयात नहीं करना होता, इसलिए यह खाद सस्ती भी है. एक बैग डीएपी की कीमत में तीन बैग एसएसपी खरीदे जा सकते हैं. तीन बैग एसएसपी से मिलने वाले पोषक तत्वों का मूल्य लगभग 1900 रुपये होता है, जो एक बैग डीएपी में मिलने वाले पोषक तत्वों के मूल्य 1350 रुपये से अधिक है. एसएसपी के साथ यूरिया का उपयोग कर फसल बुवाई के समय जरूरी नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और सल्फर पोषक तत्वों की पूर्ति कम लागत में ही आसानी से की जा सकती है.
अगर आप डीएपी की तरह यूरिया और एसएसपी का प्रयोग करें तो आपको दलहन और तिलहन में कम लागत में अधिक पैदावार मिल सकती है. आपको क्या करना है, इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है-
बुवाई के समय खाद को हमेशा कतार में छिड़कना चाहिए. खड़ी फसलों में सिफारिश के मुताबिक ही यूरिया छिटक कर दें. मिट्टी में मौजूद अघुलनशील फॉस्फोरस के बेहतर उपयोग के लिए पीएसबी कल्चर से बीज उपचार और कंपोस्ट खाद का उपयोग करें. खादों का उपयोग मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बताए गए तरीके के अनुसार ही देना चाहिए. नए जमाने के खाद जैसे कि नैनो यूरिया आदि का प्रयोग करना चाहिए. दलहन और तिलहन फसलों में डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग ज्यादा लाभदायक होता है. खेत में नाइट्रोजन खाद की मात्रा कम करने के लिए एजेटोबैक्टर और राइजोबियम जीवाणु खाद से बीज उपचार करें.
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इसके अलावा किसान डीएपी की जगह पर एनपीके खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. एनपीके खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की मात्रा पाई जाती है. फसलों में संतुलित पोषण के लिए डीएपी के बजाय एनपीके ग्रेड की खाद अधिक उपयुक्त होती है. मिट्टी की उर्वरा क्षमता बनाए रखने और फसल का समुचित उत्पादन लेने के लिए मृदा परीक्षण के आधार पर की गई सिफारिश या फसल अवस्था के अनुसार एनपीके खाद का प्रयोग करें.
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